लाल सागर में यमन के हमले से भूमध्य सागर तक भूचाल, अमेरिका ने इजरायल के करीब तैनात कर दिया ये एयरक्रॉफ्ट कैरियरशिप
लाल सागर में यमन के हमले से भूमध्य सागर तक भूचाल, अमेरिका ने इजरायल के करीब तैनात कर दिया ये एयरक्रॉफ्ट कैरियरशिप
इजरायल-हमास युद्ध में यमन की एंट्री और लाल सागर में उसके विद्रोहियों की हमले ने भूमध्यसागर तक खलबली मचा दी है। अमेरिका ने इजरायल के करीब भूमध्यसागर में अपने 2 दुर्लभ एयरक्रॉफ्ट कैरियरशिप को तैनाती पर बने रहने का आदेश दिया है। ताकि यमन जैसे हमलावरों को कड़ा जवाब देने के साथ इजरायल की रक्षा की जा सके।
गाजा पट्टी पर इजरायली हमले के विरोध में उतरे यमन ने युद्ध का दायरा और बढ़ा दिया है। लाल सागर में अमेरिका, फ्रांस समेत अन्य देशों के युद्धपोतों पर यमन के हमले ने इजरायल-हमास युद्ध की दिशा बदल दी है। अब लाल सागर से लेकर भूममध्य सागर तक युद्ध का कोहराम मचने वाला है। लगातार लाल सागर में यमन के विद्रोहियों की हमले के बाद अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने अब भूमध्यसागर में अपने उस एयरक्रॉफ्ट कैरियर की तैनाती का आदेश दे दिया है, जिसका नाम सुनकर ही दुश्मनों के होश उड़ जाते हैं। यह यह विमानवाहक पोत लंबे समय तक भूमध्यसागर में इजरायल की रक्षा करेगा।
यमन के हमलों का जवाब देने और इजरायल की रक्षा के अपने संकल्प को पूरा करने के लिए अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड विमानवाहक पोत और एक अन्य युद्धपोत को कई और सप्ताह तक भूमध्य सागर में तैनात रहने का आदेश दिया है, जिससे हमास के साथ जारी युद्ध के बीच इजरायल के पास दो पोत उपस्थित रहें। अमेरिका के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह तीसरी बार होगा जब फोर्ड की तैनाती अवधि को बढ़ाया गया है जो गाजा में इजराइल के युद्ध के दौरान क्षेत्र में अस्थिरता के बारे में जारी चिंताओं को रेखांकित करता है।
भूमध्यसागर में अमेरिका ने उतारा दुर्लभ युद्धपोत
भूमध्यसागर में अमेरिका ने अपने दो ऐसे विमानवाहक पोतों को उतारा है, जो हाल के वर्षों में दुर्लभ हैं। कई अमेरिकी अधिकारियों ने नाम उजागर करने की शर्त पर फोर्ड और यूएसएस नॉर्मंडी क्रूजर के लिए इस सप्ताह स्वीकृत की गई तैनाती की अवधि को बढ़ाने की पुष्टि की, क्योंकि इस फैसले को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। वहीं फोर्ड के युद्धक समूह के अन्य जहाजों की तैनाती पहले ही बढ़ा दी गई थी। पेंटागन ने हमास के सात अक्टूबर के हमलों के बाद ईरान को युद्ध को क्षेत्रीय संघर्ष में बदलने से रोकने के लिए इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी थी। इसके बाद के महीनों में, इराक और सीरिया में ईरान समर्थित आतंकवादियों ने वहां अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों पर रॉकेट, ड्रोन और मिसाइलों के साथ नियमित हमले करने के लिए अभियान चलाया है। (एपी)
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