मैक्सिको सिटीः वर्ल्ड एड्स दिवस के मौके पर दुनिया भर के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है। वैज्ञानिकों ने पहली बार एचआईवी वायरस पर 100 फीसदी कारगर टीका ईजाद करने का दावा किया है। इस टीके की एक साल में 2 डोज लेने वाला व्यक्ति एचआईवी संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित रह सकता है। वैज्ञानिकों ने महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि साल में दो बार दिया जाने वाला एक टीका एचआईवी संक्रमण को रोकने में 100 फीसदी प्रभावी है।
रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को प्रकाशित परिणामों से पता चला कि पुरुषों में भी यह लगभग उतना ही कारगर है। इसे एड्स वायरस के विरुद्ध विश्व का अब तक का सबसे निकटतम टीका कहा गया है। दवा निर्माता कंपनी गिलियड ने कहा कि वह उच्च एचआईवी दर वाले 120 गरीब देशों में सस्ते, जेनेरिक संस्करण बेचने की अनुमति देगी - जिनमें अधिकतर अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और कैरीबियाई देश हैं। मगर इसमें लगभग पूरे लातिन अमेरिका को शामिल नहीं किया गया है, जहां संक्रमण की दर बहुत कम हैं लेकिन यह तेजी से बढ़ रही है।
यूएन एड्स की कार्यकारी निदेशक ने बताया अभूतपूर्व
यूएनएड्स (एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम) की कार्यकारी निदेशक विनी बयानीमा ने कहा, “ यह टीका हमारे पास उपलब्ध किसी भी अन्य रोकथाम पद्धति से खासा बेहतर है। यह अभूतपूर्व है।” उन्होंने दवा विकसित करने का श्रेय गिलियड को दिया, लेकिन कहा कि एड्स को रोकने की विश्व की क्षमता जोखिमग्रस्त देशों में इसके उपयोग पर निर्भर करती है। रविवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जारी एक रिपोर्ट में यूएनएड्स ने कहा कि पिछले वर्ष एड्स से मरने वालों की संख्या अनुमानित तौर पर 630,000 थी जो 2004 के बाद से सबसे कम थी। इससे पता चलता है कि विश्व अब "एक ऐतिहासिक मोड़” पर है और इस महामारी को समाप्त करने का एक मौका है।
‘लेनाकापाविर’ नामक दवा पहले से ही अमेरिका, कनाडा, यूरोप और अन्य जगहों पर एचआईवी संक्रमण के इलाज के लिए ‘सनलेन्का’ ब्रांड नाम से बेची जा रही है। कंपनी एचआईवी की रोकथाम के लिए ‘सनलेन्का’ के इस्तेमाल के लिए जल्द ही अनुमति लेने की योजना बना रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि गिलियड के टीके की साल में दो बार दी जाने वाली खुराक विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए उपयोगी होंगी। (एपी)
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