Highlights
- पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं
- 10 गैर-स्थायी सदस्य देश शामिल हैं
- वह दिन जरूर आएगा जब इसका हल निकलेगा
United Nation: यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आखिर क्या वजह है कि भारत, जापान, ब्राजील और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य नहीं हैं। जेलेंस्की ने आगे कहा कि वह दिन जरूर आएगा जब इसका हल निकलेगा। बहस के दौरान अपने पूर्व-रिकॉर्डेड संदेश में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिहाज से बहुत सारी बातें की गयी। यह सब कैसे निपटेगा? कोई परिणाम नहीं निकला। हमारे शांति सूत्र को ध्यान से देखने पर आप पाएंगे कि इसका कार्यान्वयन पहले से ही संयुक्त राष्ट्र के वास्तविक सुधार के तहत है। हमारा सूत्र सार्वभौमिक है, और दुनिया को उत्तर से लेकर दक्षिणी छोर तक जोड़ता है।
हल एक दिन जरूर निकलेगा
यह दुनिया के उन लोगों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने को प्रोत्साहित करता है जिन्हें कभी सुना नहीं गया। उन्होंने कहा, यह बात केवल यूक्रेन कह रहा है। क्या आपने कभी रूस से ऐसे शब्द सुने हैं? जबकि वह सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। किस वजह से? आखिर क्या कारण है कि जापान, ब्राजील, तुर्किये, भारत, जर्मनी या यूक्रेन इसके सदस्य नहीं हैं। वह दिन जरूर आएगा जब यह मसला हल होगा।” भारत संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद में तत्काल लंबित सुधारों पर जोर देने के प्रयासों में सबसे आगे रहा है। भारत ने खुद भी इस बात पर बल दिया है कि वह सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में स्थान हासिल करने का हकदार है।
चीन भारत के लिए है खतरा
वर्तमान में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 गैर-स्थायी सदस्य देश शामिल हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। इन देशों के पास किसी भी मूल प्रस्ताव को वीटो (रोक लगाने) करने की शक्ति है। हाल ही में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग तेज हो रही है। जिसमें भारत का नंबर पहला हो सकता है लेकिन चीन जैसे देश भारत के लिए रोड़ा साबित होंगे। चीन कभी नहीं चाहेगा कि भारत इस ग्रुप में शामिल हो। चीन को लगता है कि एशिया में अगर कोई जवाब देने वाला है तो वो सिर्फ भारत है। चीन कई मौक पर यूएन में भारते के लिए परेशानी बना है।