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अमेरिका में क्यों होने वाले हैं Mid-Term Polls , जानें बाइडन पर इसका क्या होगा असर?..रूस और चीन भी लगाए है टकटकी

Mid-Term Polls in USA: अमेरिका में मध्यावधि चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों के लिए ही यह कठिन परीक्षा की घड़ी है। इसलिए दोनों ही पार्टियों के माथे पर शिकन है। एक तरह से अमेरिका का यह मध्यावधि चुनाव जो बाइडन के काम का रेफ्रेंडम भी होगा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: October 18, 2022 16:10 IST
Mid-Term Polls in USA- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Mid-Term Polls in USA

Highlights

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कामकाज की कड़ी परीक्षा
  • रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स में कड़ी टक्कर की संभावना
  • आठ नवंबर को होने हैं अमेरिका में मध्यावधि चुनाव

Mid-Term Polls in USA: अमेरिका में मध्यावधि चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों के लिए ही यह कठिन परीक्षा की घड़ी है। इसलिए दोनों ही पार्टियों के माथे पर शिकन है। एक तरह से अमेरिका का यह मध्यावधि चुनाव जो बाइडन के काम का रेफ्रेंडम भी होगा। ऐसे में यह काफी चुनौतीपूर्ण और दिलचस्प होने वाला है। अमेरिका के इस मध्यावधि चुनाव पर सिर्फ यूएस के लोगों की ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों की भी निगाहें टिकी हैं। विशेष तौर पर रूस और चीन की भी इस चुनाव के परिणामों को लेकर पैनी नजर है।

यूक्रेन युद्ध मामले पर अमेरिका और रूस एक दूसरे के आमने-सामने हैं। वहीं ताइवान मामले पर चीन की भी अमेरिका से ठन गई है। ऐसे में दोनों देशों की अमेरिका के मिड-टर्म पोल के परिणाम पर निगाह है। आपको बता दें कि अमेरिका में प्रतिनिधि सभा सीनेट के एक तिहाई और राज्य के हजारों विधायी और कार्यकारी पदाधिकारियों का चुनाव किया जाता है। यह कोई अचानक नहीं है, बल्कि वर्षों से चली आ रही एक प्रक्रिया का हिस्सा है। हालांकि ये चुनाव अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों की तुलना में बहुत कम ध्यान आकर्षित करते हैं और इनमें बहुत कम मतदान होता है। बावजूद आठ नवंबर 2022 को होने वाले इन मध्यावधि चुनाव, जो इतिहास में सबसे करीबी विभाजित कांग्रेस में से एक में हो रहे हैं, के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

Republican Vs Democrats

Image Source : INDIA TV
Republican Vs Democrats

चुनाव में क्या हो सकता है?

आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका में डेमोक्रेट्स के पास वर्तमान में 435 में से केवल 10 सीटों के अंतर से प्रतिनिधि सभा में बहुमत है। यह 1955 के बाद से सदन में सबसे कम बहुमत है। उनके पास सीनेट में बहुमत बिल्कुल भी नहीं है। यह लगभग 50-50 में विभाजित है, जो उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के टाई-ब्रेकिंग वोट पर निर्भर है। इससे यह ऐतिहासिक रूप से असंभव हो जाता है कि डेमोक्रेट सदन में बने रहेंगे। अमेरिका में गृहयुद्ध के बाद से जो भी राष्ट्रपति रहा है उनकी पार्टी ने 1934 (महामंदी), 1998 (बिल क्लिंटन का महाभियोग) और 2002 (11 सितंबर के आतंकवादी हमलों के बाद पहला चुनाव) को छोड़कर हर मध्यावधि चुनाव में सीटें गंवाई हैं।

सदन पर कब्जे के लिए रिपब्लिकन को चाहिए केवल पांच सीट
अमेरिकी में मौजूदा स्थिति यह है कि रिपब्लिकन को सदन लेने के लिए केवल पांच सीटें हासिल करने की जरूरत है। यह परिणाम व्यापक रूप से अपेक्षित भी है, लेकिन निश्चित रूप से बहुत दूर भी। वैसे सीनेट डेमोक्रेट के लिए अधिक अनुकूल हो सकती है, इसके बावजूद रिपब्लिकन को इसे पलटने के लिए सिर्फ एक सीट की आवश्यकता है। क्योंकि प्रत्येक चुनाव में केवल एक तिहाई सीनेट सीटों पर चुनाव लड़ा जाता है। एक पार्टी को अक्सर दूसरे की तुलना में अपनी अधिक सीटों की रक्षा करने की आवश्यकता होती है। इस साल रिपब्लिकन डेमोक्रेट्स की 14 सीटों की तुलना में 20 सीटों का बचाव कर रहे हैं, और इनमें से कुछ पर मुकाबला कड़ा है। इन परिस्थितियों में कुछ पूर्वानुमान सीनेट पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए डेमोक्रेट्स के पक्ष में हैं। लेकिन ऐन मौके पर किसी आकस्मिकता की वजह से उनका ग्राफ नीचे आ सकता है जिसकी भविष्यवाणी करना कठिन है।

Joe Biden

Image Source : INDIA TV
Joe Biden

मतदाताओं के लिए मुख्य मुद्दे
प्रत्येक पार्टी चाहती है कि मतदाता विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। रिपब्लिकन के लिए यह काम सीधा है। मतदाता अक्सर मध्यावधि चुनावों को राष्ट्रपति पर जनमत संग्रह के रूप में मानते हैं, भले ही राष्ट्रपति मतपत्र पर न हों। हालांकि इस साल बाइडेन की अनुमोदन रेटिंग कुछ हद तक ठीक हो गई है। मगर वे अभी भी 40 से 50 के बीच हैं, जो राष्ट्रपति की पार्टी के लिए ऐतिहासिक रूप से बुरा संकेत है। पिछले एक साल से आर्थिक स्थिति पर गौर करें तो महंगाई का दबदबा है और अब मंदी की बात हो रही है।

रिपल्बिकन को मिल सकता है ये फायदा
रिपब्लिकन ने अपराध, दक्षिणी सीमा पर शरण चाहने वाले शरणार्थियों और महामारी की वजह से स्कूल बंद होने जैसी घटनाओं को लेकर बढ़ती बेचैनी का फायदा उठाया है। रिपब्लिकन के लिए ऐसी लाभकारी स्थितियों के साथ, टिप्पणीकार जून तक एक "रेड वेव" चुनाव की भविष्यवाणी कर रहे थे जो दोनों सदनों में डेमोक्रेट को हटा देगा, लेकिन गर्मियों के घटनाक्रम ने इन समस्याओं से ध्यान हटा दिया। जून में, सुप्रीम कोर्ट ने पूरे अमेरिका में गर्भपात अधिकारों की रक्षा करने वाले लगभग 50 वर्ष पुराने रो बनाम वेड मामले में सुनाए गए फैसले को उलट दिया। कुछ राज्यों में रिपब्लिकन विधायकों ने गर्भपात को सीमित या प्रतिबंधित करने वाले नए कानून को लागू किया, जबकि डेमोक्रेट ने अन्य राज्यों में उन अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाए, जिन्हें कई लोगों ने मान लिया था। इसमें कोई संदेह नहीं था कि राजनीतिक रूप से, गर्भपात के मुद्दे ने डेमोक्रेट को फायदा पहुंचाया। कंसास में एक मतदान में 59% आबादी ने गर्भपात के लिए राज्य की संवैधानिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए मतदान किया।

Russia & China

Image Source : INDIA TV
Russia & China

बाइडन की हार चाहते हैं रूस और चीन

इस इलेक्शन में रूस और चीन जो बाइडन की हार चाहते हैं। अगर डेमोक्रेट्स हारा तो इससे जो बाइडन की कुर्सी तो बची रहेगी, लेकिन वह पहले की अपेक्षा कमजोर हो जाएंगे। इसका फायदा सीधे तौर पर रूस और चीन को होगा। क्योंकि सदन में बहुमत कम होने से बाइडन के लिए मर्जी से कड़े फैसले लेना उतना आसान नहीं होगा, जितना कि अभी है। जबकि दुनिया का मौजूदा परिवेश ऐसा है कि यहां सख्त फैसले की ताकत होनी जरूरी है।

क्या कहता है अमेरिका को सर्वे पोल
अगस्त में एनबीसी न्यूज पोल में पाया गया कि 21% अमेरिकियों ने "लोकतंत्र के लिए खतरे" को मध्यावधि चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया, जबकि 16% ने जीवनयापन की बढ़ती लागत और 14% ने नौकरियों और अर्थव्यवस्था को अहम मुद्दा बताया है। मगर गर्मियों में इन मुद्दों को जैसी तवज्जो मिली थी, उसे बनाए रखना मुश्किल होगा। हाल में होने वाले मतदान से पता चलता है कि आर्थिक मुद्दे एक बार फिर ध्यान का केंद्र बन गए हैं, जिससे डेमोक्रेट्स को नुकसान होना तय माना जा रहा है। यह रिपब्लिकन के लिए अच्छा संकेत हो सकता है। 

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