Highlights
- अहमद सलमान रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में हुआ था
- विवादास्पद उपन्यासों में से एक 'द सैटेनिक वर्सेज' के लेखक हैं
- यातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने 1989 में एक फतवा जारी किया था
Salman Rushdie: भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में हमला हुआ है। वो एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे तभी उनके ऊपर हमला हो गया था। सलमान को रुश्दी को एयर एंबलेंस के जरिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल उनकी तबीयत नाजूक बनी हुई है। इस्लाम धर्म की घोर आलोचकों में से एक थे। इनके ऊपर कई ईनाम भी रखे गए थे।
कौन है सलमान रुश्दी
अहमद सलमान रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में हुआ था। रुश्दी का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ लेकिन वो धर्म से अलग रखते थे। वो एक नास्तिक थे। रुश्दी ने 1981 में उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रेन लिखा था जिसके बाद उनकी ये किताब काफी बिकी और इसी कारण से हर कोई इन्हें जानने लगा। उसी साल सबसे प्रतिष्ठति साहित्यिक पुरस्कार 'बुकर प्राइज' से सम्मानित किया गया था। इस प्राइज से उन्हें दो बार नवाजा गया था।
उनसे जुड़ी ये 7 बातें
1. सलमान रुश्दी स्वतंत्र अभिव्यक्ति और उदार कारणों के प्रमुख प्रवक्ता रहे हैं। वह पेन अमेरिका के पूर्व अध्यक्ष हैं।
2. वह अब तक सबसे विवादास्पद उपन्यासों में से एक 'द सैटेनिक वर्सेज' के लेखक हैं। इस किताब से मुश्लिमों को लगा कि ये इस्लाम को अपमान करने वाला है। इस वजह से रुश्दी के खिलाफ विरोध दुनिया भर में भड़क उठे था। वहीं मुंबई में 12 लोग मारे गए थे।
3. इनके उपन्यास को ईरान में प्रतिबंध लगा दिया गया था। नेता ग्रैंड अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने 1989 में एक फतवा जारी किया था, जिसमें रुश्दी की मृत्यु का आह्वान किया गया था और मारने वाले को 2.8 मिलियन डॉलर से अधिक का ईनाम रखा गया था। एक अर्ध-आधिकारिक ईरानी धार्मिक फाउंडेशन ने 2012 में इनाम को 2.8 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3.3 मिलियन डॉलर कर दिया।
4. रुश्दी को मौत की धमकी मिलने के वजह से ब्रिटेन की सरकार ने उन्हें सुरक्षा मुहाया कराया था।
5. खुमैनी ने जिस साल फतवा जारी किया था वो उसी साल मर भी गया था। खुमैनी के इस फतवा से ईरान सरकार खुद को अलग रखा था।
6. रुश्दी ने उस समय की धमकी को खारिज करते हुए कहा कि इनाम में लोगों की दिलचस्पी नहीं है।
7. उन्होंने कहा है कि उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अपनी लड़ाई पर गर्व है, उन्होंने 2012 में न्यूयॉर्क में एक वार्ता में कहा था कि आतंकवाद वास्तव में डर की कला है। उन्होंने कहा कि "इसे हराने का एकमात्र तरीका यह है कि आप डरें नहीं।