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चीन को घेरने के लिए ‘क्वाड‘ जैसे समूहों में भारत के साथ मिलकर करते रहेंगे काम, अमेरिका ने दिया वचन

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने प्रेस वार्ता में कहा कि ‘अमेरिका दोनों देशो के आर्थिक विकास को बढ़ाने और दोनों देशों की एक जैसी प्राथमिकताओं के सहयोग का विस्तान करने के लिए क्वाड जैसे समूहों में भारत के साथ मिलकर काम जारी रखेगा।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Apr 20, 2023 7:44 IST, Updated : Apr 20, 2023 7:44 IST
चीन को घेरने के लिए ‘क्वाड‘ जैसे समूहों में भारत के साथ मिलकर करते रहेंगे काम, अमेरिका ने दिया वचन
Image Source : ANI चीन को घेरने के लिए ‘क्वाड‘ जैसे समूहों में भारत के साथ मिलकर करते रहेंगे काम, अमेरिका ने दिया वचन

America-India: अमेरिका ने भारत को वचन दिया है कि चीन को घेरने के लिए बने ‘क्वाड‘ सहित ऐसे कई संगठनों में भारत के साथ मिलकर अमेरिका काम करता रहेगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने प्रेस वार्ता में कहा कि ‘अमेरिका दोनों देशो के आर्थिक विकास को बढ़ाने और दोनों देशों की एक जैसी प्राथमिकताओं के सहयोग का विस्तान करने के लिए क्वाड जैसे समूहों में भारत के साथ मिलकर काम जारी रखेगा। इसके लिए अमेरिका वचनबद्ध है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव पियरे ने कहा कि ‘दोनों देशों के बीच क्वाड में एकसाथ काम जारी रखने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। 

क्वाड चार देशों का समूह है इसमें अमेरिका, भारत के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया देश शामिल हैं। यह समूह चीन की हिंद प्रशांत क्षेत्र में दादागिरी के प्रतिउत्तर में बनाया गया है। ताकि चीन के वर्चस्व को चुनौती देकर उसे हद में रखा जा सके। इस समूह की बैठकों से चीन हमेशा बौखलाता है और अपनी चिंता जताता है। 

क्या है क्वाड का मकसद?

हालांकि क्वाड का प्राथमिक उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को चीन या अन्य देशों के किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करना है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने कहा कि दोनों लोकतांत्रिक देशों अमेरिका और भारत के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। और इसमें व्यापार-व्यवासय भी शामिल है।

10 लाख भारतीयों को वीजा जारी करेगा अमेरिका

रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका और भारत के बीच संबंध जरूर थोड़े प्रभावित हुए हैं, लेकिन यह तात्कालिक है। क्योंकि भारत और अमेरिका दोनों एकदूसरे के कारोबारी साझीदार हैं और दोनों लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास करने वाले देश हैं, जिनके बीच राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक सामंजस्य है। हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन के साथ फोनपर बातचीत करके क्षेत्रीय और वैश्विकी मुद्दों पर चर्चा की थी।

भारतीय विदेश मंत्री ने हाल ही में ट्वीट करके भी कहा था कि भारत और अमेरिका के संबंधों में लगातार प्रगति दिखी है। भारत और अमेरिकी संबंधों की नजदीकी और आपसी विश्वास का ताजा उदाहरण यह भी है कि 2023 में 10 लाख भारतीयों को अमेरिका वीजा जारी करेगा। इससे पहले एस जयशंकर की मार्च माह में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ मुलाकात हुई थभ्। इस दौरान बैठक में दोनों नेताओं ने रूस और यूक्रेन जंग के वैश्विक प्रभावों को कम करने के उपायों पर चर्चा की थी। 

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