Highlights
- रूस और अमेरिका की मिलिट्री पॉवर में फर्क
- दुनिया की नंबर एक मिलिट्री पॉवर है अमेरिका
- सैन्य ताकत में रूस दुनिया में दूसरे नंबर पर
Russia vs US Military Power: यूक्रेन के सात महीने तक युद्ध के बाद भी थल सेना के जरिये उसके अधिकांश क्षेत्रों पर कब्जा नहीं कर पाने की टीस ने रूस को बौखला दिया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की सनक इस जंग को अब परमाणु युद्ध में भी बदल सकती है। पुतिन की इस धमकी को अमेरिका ने भी बेहद गंभीरता से लिया है। लिहाजा अमेरिका और रूस के बीच भी युद्ध की आशंका बढ़ गई है। अगर ऐसा हुआ तो रूस और अमेरिका में कौन किस पर भारी पड़ेगा इस बारे में भी जान लेना जरूरी है। आइए अब आपको बताते हैं कि रूस और अमेरिका में कौन अधिक ताकतवर है।
रूस की मंशा को देखते हुए अमेरिका ने भी नाटो के सैन्य कमांडरों को जहां भी इसकी आवश्यकता है वहां बलों को तैनात करने का अधिकार दे दिया गया है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने बाल्टिक देशों को आश्वासन दिया है कि अगर रूस से सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ता है तो वे भी अपने दम पर चुप नहीं होंगे। अगर रूस और अमेरिका भिड़े तो निश्चित रूस से इसके परिणाम भयावह होंगे। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आइआइएसएस) की वार्षिक रिपोर्ट द मिलिट्री बैलेंस 2022 के अनुसार आपको बताते हैं कि रूस और अमेरिका की सैन्य ताकत क्या है।
रूस बनाम अमेरिका
थल सेना
पैदल सेना से जंगी वाहन
विवरण | रूस | अमेरिका |
5,180 | 2,931 | |
मुख्य युद्धक टैंक | 2,927 | 2,645 |
तोप | 4,894 | 5,123 |
समुद्री ताकत
विवरण | रूस | अमेरिका |
बैलिस्टिक-मिसाइल परमाणु-संचालित पनडुब्बी | 11 | 14 |
अटैक/गाइडेड मिसाइल सबमरीन | 38 | 51 |
विमान वाहक | 01 | 11 |
क्रूजर, डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट्स | 31 | 113 |
जल और नभ में सक्षम विमान | 49 | 31 |
स्पेशल ऑपरेशन्स ऑफ अमेरिका
यूनाइटेड स्टेट्स स्पेशल ऑपरेशंस कमांड (USSOCOM) वैश्विक विशेष संचालन और गतिविधियों की देखरेख करता है, जो अमेरिकी सेना, नौसेना, समुद्री कोर और वायु सेना के कुलीन कमांड के नेटवर्क को एक साथ लाता है। आइआइएसएस की रिपोर्ट के मुताबिक USSOCOM में 65,800 कर्मी हैं।
टोही, बंधक बचाव और रिकवरी, सामूहिक विनाश के हथियारों का मुकाबला और आतंकवाद विरोधी सभी हथियार यूएसएसओसीओएम मिशन का हिस्सा हैं।
स्पेशल ऑपरेशन्स ऑफ रूस
- रूस के पास 1000 मजबूत स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्स हैं।
- वायुसेना की कई स्पेशल ऑपरेशन्स इकाइयां हैं।
- पैदल नौसेना (मरीन) और हवाई बलों में विशेष बल इकाइयां हैं।
- रूस के विशेष सैन्य संचालक स्पेट्सनाज़ उसके पांच सैन्य जिलों में से प्रत्येक में मौजूद हैं।
- रूस के विशाल भूमि द्रव्यमान में सैन्य अधिकार क्षेत्र को विभाजित करने वाली रक्षा संरचना है।
साइबर और अंतरिक्ष में अमेरिका
यूएस साइबर कमांड की कमान राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के पास है और इसमें 133 साइबर मिशन टीमें शामिल हैं।
यह यूके में नेशनल साइबर फोर्स द्वारा उठाए गए फ्रंट-फुट दृष्टिकोण के समान है।
साइबर और अंतरिक्ष में रूस
रूस साइबर को अपने सशस्त्र बलों द्वारा संरक्षित स्थान मानता है। हालांकि डोमेन में इसकी कमांड श्रृंखला अक्सर नागरिक निकायों के साथ धुंधली होती है।
अमेरिका की अंतरिक्ष फोर्स
- 2019 में स्थापित यूएस स्पेस फोर्स को वर्तमान में खड़ा किया जा रहा है और इसमें 6,400 कर्मी शामिल हैं।
- IISSकी रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अंतरिक्ष बल के लिए क्षमताओं और प्रतिवादों का विकास तेजी से आगे बढ़ रहा है।
- यह एंटी सैटेलाइट और अंतरिक्ष नियंत्रण क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाले समकक्ष प्रतिद्वंद्वियों का परिणाम है।
- अमेरिका अंतरक्षि आर्किटेक्चर को बदलना उसकी दूसरी प्राथमिकता है। ताकि सहयोगियों और व्यावसायिक भागीदारों के लिए यह अत्यधिक सुलभ व रक्षात्मक हो।
- यह अमेरिका और संबद्ध अंतरिक्ष हितों की रक्षा के लिए बलों को संगठित, प्रशिक्षित और लैस करते हैं।
- वह संयुक्त लड़ाकू कमांडों को अंतरिक्ष क्षमताएं प्रदान करते हैं।
रूस और अमेरिका की अन्य क्षमता
अमेरिका और रूस दोनों के पास खुफिया, निगरानी और टोही उपकरण हैं। जबकि रूसी अंतरिक्ष कमान पड़ोसी देशों से रडार तकनीक लीज पर लेती है।
दोनों के पास संचार और उपग्रह उपकरण हैं। हालांकि अमेरिका के पास अंतरिक्ष में काउंटर संचार प्रणाली भी है। दोनों देशों के लिए, अंतरिक्ष का शस्त्रीकरण जारी है। अमेरिका और रूस विभिन्न प्रकार के काउंटर-स्पेस सिस्टम विकसित कर रहे हैं।
रूस और अमेरिका में कांटे की टक्कर
रूस और अमेरिका की मिलिट्री पॉवर का आंकलन करने के बाद यह बात समझ आ गई होगी कि दोनों ही सुपर पॉवर हैं। किसी मामले में रूस अमेरिका पर भारी है तो किसी मामले में अमेरिका रूस पर भारी है। यानि जंग हुई तो दोनों देशों में कांटे की टक्कर होगी। परमाणु क्षमता के मामले में रूस दुनिया का सर्वाधिक क्षमता वाला देश है। यही अमेरिका की बड़ी चिंता है।