Highlights
- यूक्रेन पर भारत के रुख में बदलाव नहीं
- पीएम मोदी ने पुतिन से बात की थी
- पीएम की टिप्पणी पर बोले जयशंकर
PM Modi on Ukraine: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि समरकंद में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर जो टिप्पणी की, उसे इस मुद्दे पर भारत के रुख में परिवर्तन के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि भारत लगातार यह कहता रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जल्द से जल्द युद्ध समाप्त होना चाहिए। यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में जनमत संग्रह पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने यहां बुधवार को भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा कि भारत इस मुद्दे पर न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र में अपना विचार रखेगा।
उन्होंने कहा, “यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में विचार के लिए उठेगा। इसलिए मैं आग्रह करता हूं कि आप इंतजार करें और देखिए कि वहां हमारे राजदूत क्या कहते हैं।” प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच समरकंद में 16 सितंबर को हुई बैठक के बारे में जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच प्रत्यक्ष रूप से यह पहली बातचीत थी। उन्होंने कहा, “स्वाभाविक सी बात है कि आमने सामने की बैठक के बाद प्रेस को संबोधित किया गया था और हम उस मौके का वीडियो देख सकते हैं।”
पहले भी हमने चिंता व्यक्त की है- जयशंकर
उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि इसके बारे में हमने पहले कुछ नहीं कहा। हम इस युद्ध के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते रहे हैं। हम जल्द से जल्द इस लड़ाई को समाप्त करने और वार्ता और कूटनीतिक समाधान की जरूरत पर बल देते रहे हैं।” जयशंकर ने कहा, “यह बिलकुल स्वाभाविक था कि ऐसे मौके पर भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति की भेंट होगी तो इन विषयों पर चर्चा होनी थी और प्रधानमंत्री ने ऐसा किया।” जयशंकर ने कहा कि समरकंद में पुतिन से हुई बातचीत से यूक्रेन पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
पीएम मोदी ने पुतिन से क्या कहा था?
पीएम नरेंद्र मोदी ने पुतिन से कहा था कि ‘यह यूक्रेन में युद्ध का समय नहीं है।’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके जवाब में पुतिन ने कहा कि, ‘मैं यूक्रेन में संघर्ष पर आपका रुख जानता हूं, मैं आपकी चिंताओं से अवगत हूं, जिनके बारे में आप बार-बार बताते रहते हैं। हम इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, विरोधी पक्ष ने यूक्रेन के नेतृत्व में वार्ता प्रक्रिया छोड़ने का ऐलान किया है और कहा है कि वह सैन्य माध्यमों से यानी ‘युद्धक्षेत्र में’ अपना लक्ष्य हासिल करना चाहता है। फिर भी, वहां जो भी हो रहा है, हम आपको उस बारे में सूचित करते रहेंगे।’