China Ameica News: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत पर पूरी दुनिया की नजर है। दोनों राष्ट्राध्यक्ष बुधवार को चर्चा करेंगे। हाल के समय में चीन और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। दुनिया का ताकतवर देश बनने के लिए चीन अमेरिका से होड़ कर रहा है। वहीं अमेरिका भी चीन को अपनी हद में रहने के लिए कई बार धमका चुका है। दोनों देशों के बीच आर्थिक प्रतिद्वंद्विता के साथ ही रणनीतिक और कूटनीतिक लड़ाई भी जब तब उभरकर सामने आ जाती है। रूस और यूक्रेन की जंग में चीन द्वारा रूस का खुलेआम पक्ष लेना अमेरिका को रास नहीं आ रहा है। वहीं रूस, उत्तर कोरिया और चीन के बीच बढ़ते गठबंधन से अमेरिका सावधान हो गया है। ताइवान मुद्दे पर अमेरिकी की चीन को दो टूक 'ड्रैगन' को नहीं सुहाती है। ऐसे तनावों के बीच बाइडेन और जिनपिंग की यह बैठक कई मायनों में अहम होगी।
क्या है बाइडेन और जिनपिंग की बातचीत का मकसद?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके समकक्ष शी जिनपिंग अमेरिका-चीन संबंधों को स्थिर करने की उम्मीद के साथ बुधवार को बैठक करने जा रहे हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति व्यापार, ईरान के साथ बीजिंग के रिश्तों और मानवाधिकार संबंधी चिंताओं जैसे जटिल मुद्दों को उठाने के लिए तैयार हैं। दोनों नेता एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय नेताओं के सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे।
एक साल पहले हुई थी आखिरी मुलाकात
उन्होंने पिछली बार एक साल पहले बातचीत की थी। दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंध तब और बिगड़ गए जब अमेरिका ने चीन के एक जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था। बाइडेन और शी इस समय वार्षिक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) फोरम के लिए कैलिफोर्निया में हैं। बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार दोनों नेता सैन फ्रांसिस्को से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण में फिलोली इस्टेट में आमने-सामने बातचीत करेंगे।
बाइडेन और जिनपिंग क्या देना चाहते हैं संदेश?
हालांकि, अधिकारियों ने वार्ता स्थल के बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया क्योंकि कड़ी सुरक्षा के कारण व्हाइट हाउस या चीन की सरकार ने इसकी अभी पुष्टि नहीं की है। दोनों नेता दुनिया को यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि अमेरिका और चीन आर्थिक प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद वैश्विक प्रभावों के साथ जीत-हार की स्पर्धा में नहीं हैं। उनके रिश्ते निर्यात नियंत्रण, ताइवान और पश्चिम एशिया एवं यूरोप में विवादों जैसे मुद्दों पर मतभेदों को लेकर परिभाषित होते रहे हैं।
शी से बातचीत में ईरान को कंट्रोल करने के लिए कहेंगे बाइडेन?
बाइडन इस बैठक में शी को यह संदेश दे सकते हैं कि चीन अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर ईरान से यह स्पष्ट कहे कि उसे ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे इजराइल-हमास की जंग और बढ़ जाए। बाइडन प्रशासन चीन को ईरान का हितैषी मानता है जो हमास का बड़ा समर्थक है। बाइडन ने मंगलवार को इस बैठक को दोनों देशों के लिए एक बार फिर सामान्य संवाद की ओर लौटने का अवसर बताया था।