शिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे का आज दूसरा दिन है। पीएम मोदी न्यूयॉर्क से वाशिगंटन पहुंचे जहां व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने उनका जोरदार स्वागत। इस दौरान दोनों नेताओं की ओर से एक-दूसरे को खास तोहफे भी दिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को सहस्त्र चंद्र दर्शन से जुड़ा उपहार दिया। जब कोई शख्स एक हजार पूर्णिमा देख लेता है उसे सहस्त्र चंद्र दर्शन कहा जाता है। पीएम मोदी ने सहस्त्र चंद्र दर्शन की पूजा में इस्तेमाल होनेवाली सामग्री भेंट की है।पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को एक खास चंदन का डिब्बा भेंट किया जिसे जयपुर के एक शिल्पकार ने बनाया है। इस डिब्बे को मैसूर के चंदन की लकड़ी से बनाया गया है। इस पर वनस्पतियों और जीवों की नक्काशी की गई है।
भगवान गणेश की मूर्ति
इस बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति है। गणेश जी को बाधाओं का विनाशक माना जाता है और सभी देवताओं में सबसे पहले पूजा की जाती है। हर शुभ अवसर की शुरुआत भगवान गणेश की प्रार्थना से होती है। भगवान गणेश की यह चांदी की मूर्ति कोलकाता के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा बनाई गई है। साथ ही इस डिब्बे में चांदी का दीया भी है। इसे भी कोलकाता के चांदी कारीगरों ने बनाया है। इसके अलावा एक ताम्र-पत्र भी है जिस पर एक श्लोक लिखा हुआ है। प्राचीन काल में ताम्र-पत्र का उपयोग व्यापक रूप से लेखन और रिकार्ड रखने के लिए किया जाता था।
दस दान राशि
इसके साथ ही बॉक्स में छोटी-छोटी डिबिया में दस दान राशि हैं। गौदान (गाय का दान) के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एक नाजुक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है। भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है। तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज चढ़ाए गए हैं। हिरण्यदान (सोने का दान) के लिए राजस्थान में हस्तनिर्मित सोने का सिक्का दिया गया है। गुड़ दान के लिए महाराष्ट्र का गुड़ दिया गया है जबकि वस्त्रदान (कपड़े का दान) के लिए झारखंड से प्राप्त रेशम दिया गया है। वहीं पंजाब का घी और उत्तराखंड का चावल भी दिया गया है। इस बॉक्स में 99.5% शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है जिसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में पेश किया गया है। लवंदन (नमक का दान) के लिए गुजरात का नमक अर्पित किया गया है।
'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' भी भेंट की
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को आयरिश कवि विलियम बटलर येट्स द्वारा भारतीय उपनिषदों के अंग्रेजी अनुवाद की एक किताब 'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' भी भेंट की। WB येट्स ने पुरोहित स्वामी के साथ मिलकर इस किताब का अनुवाद किया था। 1937 में यह काम पूरा हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था। लंदन के मेसर्स फेबर एंड फेबर लिमिटेड ने इसे प्रकाशित किया था। राष्ट्रपति बाइडेन येट्स की कविताओं को काफी पसंद करते हैं और कई बार उनकी कविताओं का जिक्र अपने संबोधनों में कर चुके हैं।