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- अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों की मदद नहीं करता है तो क्षेत्र एवं दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी: गुतारेस
- गुतारेस ने कहा, तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के 6 महीने बाद, अफगानिस्तान खतरनाक स्थिति का सामना कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बुधवार को जोर दिया कि अफगानिस्तान में सभी आतंकवादी समूहों के विस्तार को रोका जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि अफगानिस्तान बहुत लंबे समय से आतंकवादी संगठनों के विस्तार के लिए एक अनुकूल स्थान रहा है और अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों की मदद नहीं करता है तो क्षेत्र एवं दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। गुतारेस ने अफगानिस्तान के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा, ‘तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के 6 महीने बाद, अफगानिस्तान खतरनाक स्थिति का सामना कर रहा है। अफगानों के लिए, दैनिक जीवन नरक बन गया है।’
गुतारेस ने कहा कि आतंकवाद न केवल अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए लगातार खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को बढ़ावा देना और आतंकवाद से मुकाबला करना भी महत्वपूर्ण है तथा बहुत लंबे समय से अफगानिस्तान आतंकवादी समूहों के विस्तार के लिए एक अनुकूल स्थान रहा है। गुतारेस ने कहा कि अगर हम इस तूफान संकट से निपटने के लिए अफगान लोगों की मदद नहीं करते हैं तो क्षेत्र और दुनिया को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के साथ ही आपराधिक और आतंकवादी नेटवर्क में भी वृद्धि होगी।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने तालिबान से अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवादी खतरे को नियंत्रित करने और सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं का निर्माण करने के लिए वैश्विक समुदाय तथा सुरक्षा परिषद के साथ मिलकर काम करने को कहा। गुतारेस ने इस बात पर भी जोर दिया कि तालिबान के लिए अब अपने लोगों की खातिर अवसर और सुरक्षा का विस्तार करने एवं वैश्विक समुदाय का हिस्सा बनने के लिए वास्तविक प्रतिबद्धता जताने का समय है। उन्होंने कहा, ‘हम तालिबान से आग्रह करते हैं कि वह इस अवसर का लाभ उठाएं और हर लड़की और महिला के बुनियादी मानवाधिकारों को मान्यता देकर और उन्हें कायम रखते हुए अंतरराष्ट्रीय विश्वास और सद्भावना प्राप्त करें।’
अफगानिस्तान के लिए महासचिव की विशेष प्रतिनिधि, डेबोरा लियोन्स ने परिषद में अपनी टिप्पणी में कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों को काबू करने के तालिबान के वादे के पीछे ‘अधिक सार्थक’ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में कई आतंकवादी समूहों का अस्तित्व व्यापक अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय चिंता का विषय बना हुआ है। (भाषा)