वाशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मंगल मिशन के चालक दल के सदस्य एक साल की यात्रा के बाद अपने यान से बाहर निकले। हालांकि, यह अंतरिक्ष यान कभी पृथ्वी से रवाना ही नहीं हुआ। दरअसल, नासा ने ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में मंगल ग्रह के वातावरण का अनुकरण करते हुए एक आवास बनाया है जहां 12 महीने से अधिक समय तक बाहरी दुनिया से अलग रहने के बाद चालक दल के चार सदस्य शनिवार की शाम करीब पांच बजे बाहर निकले। इस अभियान का उद्देश्य उन चुनौतियों का सामना करना है जो भविष्य में मंगल ग्रह पर मिशन भेजने के दौरान सामने आ सकती हैं।
मंगल ग्रह पर आने वाली संभावित चुनौतियों का किया सामना
इसमें शामिल चालक दल के सदस्यों ने अंतरिक्ष में चहलकदमी यानी ‘मार्सवॉक’ का अनुकरण किया और साथ ही सब्जियां भी उगाईं। केली हैस्टन, आंका सेलारियु, रॉस ब्रॉकवेल और नाथन जोन्स 25 जून 2023 को 3डी-प्रिंटेड आवास में घुसे। चिकित्सक और मिशन के चिकित्सा अधिकारी जोन्स ने कहा कि कैद में उनके 378 दिन ‘‘जल्दी बीत गए।’’ ये चारों वैज्ञानिक लाल ग्रह जैसे वातावरण में 1,700 वर्ग फुट के स्थान के भीतर रहे। उन्होंने सीमित संसाधन, अलग-थलग रहने और पृथ्वी से संचार में 22 मिनट तक की देरी समेत भविष्य में मंगल ग्रह पर आने वाली संभावित चुनौतियों का सामना किया।
अमेरिका के लिए अहम कदम
नासा ने बताया कि ऐसे दो अतिरिक्त मिशन की योजना बनाई गई है। नासा के अनुसार, चालक दल के सदस्य अंतरिक्ष में चहलकदमी करते रहेंगे और शारीरिक व व्यावहारिक स्वास्थ्य एवं प्रदर्शन से जुड़े कारकों पर जानकारी एकत्र करते रहेंगे। जॉनसन स्पेस सेंटर के उप निदेशक स्टीव कोर्नर ने कहा, ‘‘मंगल ग्रह हमारा उद्देश्य है।’’ उन्होंने इस परियोजना को वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयास में अग्रणी बनने के अमेरिका के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया। (एपी)
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