फिलिस्तीनियों को मानवीय मदद पहुंचाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर समुद्र में गाजा के करीब एक अस्थाई बंदरगाह का निर्माण किया गया। फिर उसी बंदरगाह के जरिये अमेरिका का पहला मानवीय मदद के लिए राहत सामग्री से लदा पानी का जहाज फिलिस्तीन पहुंचा। राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा वितरण में तेजी लाने के लिए फिलिस्तीनी क्षेत्र में एक अस्थायी बंदरगाह बनाने की कसम खाई थी। उसके कुछ दिनों बाद अमेरिका ने गाजा में मानवीय सहायता भेजने के लिए एक सैन्य जहाज भेजा है। वहीं बाइडेन की इससे पहले नेतन्याहू से ठन गई है। बाइडेन ने कह दिया है कि नेतन्याहू इजरायल को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने रविवार को कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा युद्ध से घिरे इलाके में मानवीय मदद की आपूर्ति के लिए एक अस्थायी घाट बनाने की कसम खाने के कुछ दिनों बाद अमेरिकी सेना ने गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक जहाज भेजा है। CENTCOM ने एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा समुद्र के रास्ते गाजा को मानवीय सहायता प्रदान करने की घोषणा के 36 घंटे से भी कम समय बाद यह सहायता पहुंचाई गई है। गुरुवार को स्टेट ऑफ द यूनियन के अपने संबोधन में बाइडेन की घोषणा किया था कि गाजा के 2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों के बीच व्यापक अकाल है। संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी की इस चेतावनी के बाद अमेरिका ने यह कदम उठाया है।
गाजा में नहीं है कोई बंदरगाह
गाजा में कोई बंदरगाह बुनियादी ढांचा नहीं है। अमेरिका ने शुरू में साइप्रस का उपयोग करने की योजना बनाई , जो कार्गो की स्क्रीनिंग के लिए एक प्रक्रिया की पेशकश कर रहा है और जिसमें इज़रायल के अधिकारी शामिल होंगे। इससे गाजा में सुरक्षा जांच की आवश्यकता दूर हो जाएगी। गाजा के अधिकांश लोग अब आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं। मगर भूमि सीमा चौकियों पर सहायता वितरण में गंभीर बाधाएं हैं। गाजा 2007 से इजरायली नौसेना की नाकाबंदी के अधीन है। तब से सीधे समुद्री आगमन बहुत कम हुआ है।
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