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USA: आज से रद्द हो जाएंगे H-1B वीज़ा, जानें अब आवेदकों का क्या होगा

राष्ट्रपति ट्रंप का प्रशासन आज गुरुवार से अमेरिका में एच-1बी वीजा कार्यक्रम को रद्द करने जा रहा है। इसमें 5 साल से पुराने सभी रिकॉर्ड को खत्म करने की बात कही गई है। अमेरिका के अनुसार यह कदम और अधिक पारदर्शिता के बाबत उठाया गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Mar 20, 2025 9:36 IST, Updated : Mar 20, 2025 9:48 IST
प्रतीकात्मक फोटो।
Image Source : AP प्रतीकात्मक फोटो।

वाशिंटनः डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधारों और नियम-कानूनों में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा को आज 20 मार्च से रद्द किए जाने का फैसला भी उन्हीं प्रशासनिक सुधारों और नियम-कानूनों में परिवर्तन की अहम कड़ी है। आखिर एच1-बी वीजा कार्यक्रम को रद्द क्यों किया जा रहा है। इसके रद्द होने के बाद आवेदकों के पास अब क्या विकल्प होंगे, आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में H-1B वीजा कार्यक्रम में गुरुवार से महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं, जिसमें फॉरेन लेबर एक्सेस गेटवे (FLAG) पुराने आवेदनों को हटा रहा है और यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) इस प्रक्रिया के लिए एक नई प्रणाली लागू कर रहा है। बता दें कि अभी तक H-1B वीजा प्रणाली अमेरिका में काम की तलाश कर रहे विदेशी कुशल श्रमिकों के लिए एक प्रमुख मार्ग रहा है। अमेरिका के अनुसार ट्रंप प्रशासन ने इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नई प्रणाली को लागू किया है।

हटा दिया जाएगा 5 साल से पुराना रिकॉर्ड

इस नये नियम के मुताबिक 5 साल से पुराना कोई भी रिकॉर्ड सिस्टम से हटा दिया जाएगा। यदि किसी मामले की अंतिम निर्धारण तिथि 22 मार्च 2020 है, तो आवेदन इस वर्ष 22 मार्च को हटा दिया जाएगा।  नियोक्ताओं को 19 मार्च तक पांच साल से पुराने किसी भी मामले को डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। अब इसकी जगह USCIS एक नई आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगा, जिसे सभी आवेदकों के लिए अधिक निष्पक्ष और समान बताया जा रहा है।

पहले और अब में क्या होगा अंतर

पिछली प्रणाली में एक व्यक्ति के लिए कई नियोक्ता आवेदन जमा कर सकते थे। मगर अब H-1B वीजा के लिए नई प्रणाली में इसे अधिक निष्पक्ष विधि द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा जो सभी आवेदकों को समान अवसर प्रदान करती है भले ही कितने भी नियोक्ता उनके लिए आवेदन करें। संशोधित प्रणाली में आवेदनों के बजाय लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। इसका मकसद एक ही व्यक्ति के लिए डुप्लिकेट प्रविष्टियों को रोकना है। इससे वह लाभ समाप्त हो जाएगा जो बड़ी कंपनियों को पिछली प्रणाली में प्राप्त था, जिसमें उन्हें एक ही व्यक्ति के लिए कई आवेदन जमा करने की अनुमति थी।

रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोत्तरी

पंजीकरण शुल्क भी काफी बढ़ जाएगा, जो प्रति प्रविष्टि 862 रुपये से 18,555 रुपये हो जाएगा। USCIS आवेदकों को ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।  नियोक्ताओं को पूरी H-1B याचिका दाखिल करने से पहले पंजीकरण करना होगा, जिससे USCIS को प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिलेगी। नई प्रणाली कर्मचारियों के लिए बेहतर चयन निष्पक्षता और अधिक कुशल आवेदन प्रसंस्करण का वादा करती है। इससे नियोक्ताओं के खर्च भी बढ़ेंगे, जिन्हें अब यह चुनना होगा कि वे किसे प्रायोजित करते हैं।

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