वाशिंगटन: अमेरिका ने अपने एक फैसले से दुश्मन देश ईरान को सबसे बड़ा झटका दिया है। जो बाइडेन के प्रशासन ने ईरान के तेल का अन्य देशों में परिवहन करने वाली 35 कंपनियों और जहाजों पर मंगलवार को प्रतिबंध लगा दिया। इससे ईरान में खलबली मच गई है। अमेरिका के इस फैसले का असर तेहरान के साथ-साथ भारत पर भी पड़ सकता है। क्योंकि जिन 35 कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है, उनमें भारत की भी दो कंपनियां भी शामिल हैं। इनका नाम ‘फोनिक्स’ का प्रबंधन और संचालन करने वाली ‘विजन शिप मैनेजमेंट एलएलपी’ और ‘टाइटशिप शिपिंग मैनेजमेंट (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।
अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध में भारत के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, लाइबेरिया, हांगकांग सहित अन्य देशों की कंपनियां और जहाजें शामिल हैं, जिन पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक बयान में, वित्त विभाग ने कहा कि एक अक्टूबर को इजराइल के खिलाफ ईरान के हमले के बाद की गई यह कार्रवाई तेहरान पर एक और चोट है। ईरान ने 11 अक्टूबर को लगाए गए प्रतिबंधों के बाद परमाणु कार्यक्रमों को तेज करने की घोषणा की है।
अमेरिका ने कहा ईरान तेल का पैसा कर रहा आतंकियों पर खर्च
आतंकवाद और वित्तीय खुफिया विभाग के कार्यवाहक अवर सचिव ब्रैडली टी स्मिथ ने कहा, ‘‘ईरान अपने पेट्रोलियम व्यापार से होने वाले राजस्व को परमाणु कार्यक्रम, बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन के प्रसार तथा आतंकवादियों पर खर्च कर रहा है, जिससे क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता पैदा होने का खतरा है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने सभी संसाधनों और प्राधिकारों का इस्तेमाल कर इन अवैध गतिविधियों को सरंक्षण देने वाले जहाजों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। (भाषा)