वाशिंगटनः ताइवान के बाद अमेरिका ने तिब्बत को लेकर भी एक बड़ा ऐलान कर दिया है। इस बारे में सुनकर ही चीन की बौखलाहट बढ़ जाएगी। दरअसल अमेरिकी सरकार की एक शीर्ष अधिकारी ने दलाई लामा से मुलाकात के बाद तिब्बत के अधिकारों को लेकर यह महत्वपूर्ण ऐलान किया है। अमेरिकी अधिकारी ने राष्ट्रपति जो.बाइडेन की ओर से तिब्बतियों के मानवाधिकारों की रक्षा और उनके विशिष्ट ऐतिहासिक, भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के संरक्षण के प्रयासों के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया है। जाहिर है अमेरिका की यह प्रतिबद्धता ताइवान को लेकर भी है। ऐसे में अमेरिका के इस नए ऐलान से चीन को मिर्ची जरूर लगेगी।
फिलहाल दलाई लामा 28 जून को घुटने की सफल ‘रिप्लेसमेंट’ सर्जरी के बाद से न्यूयॉर्क में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। तिब्बती आध्यात्मिक नेता की अमेरिकी विदेश विभाग की शीर्ष अधिकारी के साथ बैठक राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा एक कानून पर हस्ताक्षर किए जाने के कुछ महीनों बाद हुई है, जो तिब्बत के लिए अमेरिकी समर्थन को बढ़ाने और सुदूर हिमालय क्षेत्र की स्थिति एवं शासन संबंधी विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए चीन और दलाई लामा के बीच बातचीत को बढ़ावा देने की बात करता है।
‘रिजॉल्व तिब्बत एक्ट’ के विरोध में है चीन
चीन ने फरवरी में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा और मई में सीनेट द्वारा पारित ‘रिजॉल्व तिब्बत एक्ट’ का विरोध किया था और इसे ‘‘अस्थिर करने वाला’’ बताया था। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दलाई लामा को राष्ट्रपति बाइडन का संदेश अमेरिकी नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकार मामलों की उप विदेश मंत्री और तिब्बत मामलों की विशेष समन्वयक उज़रा ज़ेया ने दिया। इसमें कहा गया है, “बैठक के दौरान ज़ेया ने राष्ट्रपति बाइडन की ओर से दलाई लामा को उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दीं और तिब्बतियों के मानवाधिकारों की रक्षा करने तथा उनकी विशिष्ट ऐतिहासिक, भाषाई, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयासों के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’ (भाषा)
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