Highlights
- अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बहुत बड़ा फैसला
- अदालत ने देश में गर्भपात के अधिकार को किया समाप्त
- कोर्ट ने 1973 के "रो वी वेड" का ऐतिहासिक फैसला पलटा
US: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देश में गर्भपात के अधिकार को समाप्त कर दिया। गर्भपात का मुद्दा अमेरिका की राजनीति में सबसे विभाजनकारी और कटु संघर्ष वाले मुद्दों में से एक था। अमेरिका में गर्भपात पर संवैधानिक सुरक्षा पिछले 50 सालों से थी।
सुप्रीम कोर्ट ने1973 के फैसले को पलटा
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक 1973 के "रो वी वेड" के फैसले को पलट दिया, जिसने गर्भपात के लिए एक महिला के अधिकार को सुनिश्चित यह कहते हुए किया था कि अलग-अलग राज्य अब प्रक्रिया को स्वयं अनुमति या प्रतिबंधित कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा, "संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है; रो और केसी के फैसले को खारिज किया जाता है और गर्भपात को विनियमित करने का अधिकार लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों को वापस कर दिया गया है।"
कोर्ट के फैसले का क्या होगा असर
कोर्ट का यह फैसला संभावित रूप से 50 अमेरिकी राज्यों में से लगभग आधे में नए कानूनों को स्थापित करेगा जो गर्भपात को एक अपराध की श्रेणी में रखेगा या पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करेगा। ऐसे में महिलाओं को उन राज्यों में लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए मजबूर होना होगा जो अभी भी प्रक्रिया की अनुमति देते हैं। इस फैसले ने देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1973 के रो बनाम वेड के उस फैसले को तोड़ दिया, जिसमें कहा गया था कि महिलाओं को अपने शरीर पर निजता के संवैधानिक अधिकार के आधार पर गर्भपात का अधिकार है।
न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो ने क्या कहा
बहुमत की राय में, न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो ने कहा, "गर्भपात एक गहरा नैतिक मुद्दा है, जिस पर अमेरिकी तीखे परस्पर विरोधी विचार रखते हैं। संविधान प्रत्येक राज्य के नागरिकों को गर्भपात को विनियमित करने या प्रतिबंधित करने से नहीं रोकता है।"
बायडेन ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ चेताया
सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने असहमति जताई है। बायडेन ने उन राज्यों में महिलाओं के अधिकारों के सरंक्षण के लिए अपनी ‘क्षमतानुसार’ कार्य करने का संकल्प जताया है, जहां वे गर्भपात संबंधी नियमों से प्रभावित होती हैं। उन्होंने चेताया कि गर्भपात संबंधी फैसले से गर्भनिरोधक, समलैंगिक विवाह के अधिकार कमजोर हो सकते हैं और यह एक खतरनाक रास्ता है।
बता दें कि अमेरिकी अदालत का ये फैसला गर्भपात कानूनों को आसान बनाने की एक अंतरराष्ट्रीय प्रवृत्ति के खिलाफ दिखाई पड़ता है, जिसमें आयरलैंड, अर्जेंटीना, मैक्सिको और कोलंबिया जैसे देश शामिल हैं जहां कैथोलिक चर्च का काफी प्रभाव है। कोर्ट का फैसला धार्मिक अधिकार द्वारा गर्भपात के खिलाफ 50 वर्षों के संघर्ष की जीत बताया जा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि गर्भपात-विरोधी गुट पूरी तरह राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध के लिए दबाव बनाना जारी रखेगा।