वाशिंगटनः अमेरिकी नागरिक और भारत द्वारा घोषित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले में वाशिंगटन के तेवर अब काफी नरम पड़ गए हैं। अमेरिका ने कहा कि पन्नू भारत द्वारा घोषित आतंकवादी है। हालांकि वह अमेरिकी और कनाडाई नागरिक है। मगर जब तक उसकी हत्या के प्रयास की साजिश का आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो जाता, तब तक वह इस मामले पर कुछ भी नहीं बोलेगा। अमेरिका ने कहा कि पन्नू मामले में अब तक भारत की जांच से वह संतुष्ट है।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू के खिलाफ कथित हत्या की साजिश को लेकर जवाबदेही की दिशा में भारत के कदमों पर हमें संतोष है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और यह एक चालू कानूनी मसला है। इसलिए जब तक जूरी के सामने "आरोप साबित नहीं हो जाते" तब तक वह "कुछ भी नही बोलेगा"। क्योंकि पन्नू भारत द्वारा घोषित आतंकवादी भी है। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को ब्रीफिंग में कहा, ''मैं इस मामले को यहीं छोड़ दूंगा।''
गार्सेटी ने कहा कि यह अमेरिका के लिए लाल रेखा
आतंकी पन्नू के मामले पर राजदूत गार्सेटी ने कहा कि यह अमेरिका के लिए लाल रेखा है। हालांकि वह इस मामले में भारत की जांच से पूरी तरह संतुष्ट है। मगर अभी भी कई कदम उठाने की जरूरत है। इस मामले को लेकर भारत व अमेरिका के रिश्तों पर प्रभाव के सवाल पर गार्सेटी ने कहा कि "जब मैं एक ऐसे रिश्ते का जिक्र कर हूं ...जिसमें रास्ते में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। यह संभावित रूप से किसी रिश्ते में पहली बड़ी लड़ाई होगी।" गार्सेटी ने कहा कि एक आपराधिक मामला है।
भारत ने एक जांच आयोग का गठन किया है "और... हम उम्मीद करते हैं कि जब हम अमेरिकी न्याय के बारे में आपराधिक मामला चला रहे हैं, तो इसके परिणाम और साझा जानकारी की आवश्यकता होगी।अब तक... उन्होंने (भारत ने) जो किया है उससे मैं संतुष्ट हूं। यह मुद्दा भारत और अमेरिकी प्रशासन दोनों के लिए बेहद नाजुक है, क्योंकि वे चीन की बढ़ती शक्ति के बारे में साझा चिंताओं के सामने घनिष्ठ संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। (रॉयटर्स)
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