वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। अमेरिका की उपराष्ट्रपति एवं राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने कई प्रमुख चुनावी प्रांतों में लोकप्रियता में बढ़त हासिल कर ली है। चुनाव प्रचार के लिए चंदा एकत्र करने का भारतीय अमेरिकी हैरिस (59) का अभियान जारी है। उनकी रैलियों में रिकॉर्ड भीड़ देखने को मिल रही है। हैरिस ने सैन फ्रांसिस्को में चंदा जुटाने के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम यह चुनाव जीतेंगे।’’ उन्होंने इस कार्यक्रम में 1.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर का चंदा जुटाया जिसमें कई भारतीय अमेरिकियों सहित लगभग 700 दानदाताओं ने भाग लिया।
क्या कहते हैं सर्वेक्षण
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के चुनावी दौड़ से बाहर होने के फैसले के बाद राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनने के एक महीने से भी कम समय में हैरिस ने लोकप्रियता के मामले में अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रीय स्तर पर बढ़त को लगभग समाप्त कर दिया है। सभी प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य सर्वेक्षणों की निगरानी करने वाली मीडिया कंपनी ‘रियल क्लियर पॉलिटिक्स’ के अनुसार, लोकप्रियता रेटिंग में हैरिस अब सभी राष्ट्रीय सर्वेक्षणों के औसत में ट्रंप से 0.5 प्रतिशत अंक आगे हैं। इसके अनुसार, हैरिस ने लोकप्रियता के मामले में विस्कॉन्सिन और मिशिगन जैसे महत्वपूर्ण प्रांतों में भी बढ़त बना ली है जहां पहले बाइडेन पीछे थे। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के ताजा सर्वेक्षण में कहा गया कि पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन और मिशिगन में हैरिस चार प्रतिशत अंकों से आगे हैं।
हैरिस ने किया बड़ा वादा
बता दें कि, हाल ही में कमला हैरिस ने लास वेगास में जनता से वादा किया कि वह रेस्तरां कर्मचारियों और अन्य सेवा कर्मचारियों को दिए जाने वाले टिप पर लागू करों को समाप्त करने की दिशा में काम करेंगी।
हैरिस ने कहा, ‘‘सभी से मेरा वादा है कि जब मैं राष्ट्रपति बनूंगी तो हम अमेरिका के कामकाजी परिवारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। इसमें न्यूनतम वेतन बढ़ाना और सेवा तथा आतिथ्य कर्मचारियों को दिए जाने वाले टिप पर करों को खत्म करना शामिल है।’’जानें दिलचस्प बात
दिलचस्प बात यह भी है कि, राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में लगभग एक जैसी ही बात कर रहे हैं। लास वेगास की अर्थव्यवस्था काफी हद तक होटल, रेस्तरां और मनोरंजन उद्योगों पर निर्भर है। ट्रंप ने भी जून में एक रैली में कमोबेश यही बात कही थी, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस (संसद) के समर्थन के बिना ना तो यह कदम ट्रंप उठा सकते हैं और ना ही हैरिस। (भाषा)
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