Highlights
- रूस, चीन और ईरान पर भड़के जो बाइडेन
- अमेरिकी नागरिकों को किया जा रहा कैद
- कार्यकारी आदेश पर बाइडेन ने किए हस्ताक्षर
Kidnapping of Americans: अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार ने मंगलवार को चीन, रूस, ईरान और कुछ अन्य देशों को प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। इन देशों पर अमेरिकी नागरिकों की किडनैपिंग का आरोप लगाया जा रहा है। दरअसल ये लोग वाकई में किडनैप नहीं हो रहे बल्कि इन्हें जासूसी या दूसरे आरोपों के चलते जेलों में रखा जा रहा है। हालांकि इनके परिवार इसे संबंधित देश द्वारा किडनैपिंग करार दे रहे हैं। इस मामले में अमेरिकी सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर रही थी लेकिन अब लोगों के दबाव के बाद सरकार को इस तरह की चेतावनी या धमकी जारी करनी पड़ी है.
राष्ट्रपति ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षरित किए हैं। जिसका उद्देश्य विदेशों में हिरासत में लिए गए अमेरिकियों की मदद करना है। आदेश के तहत कैद लोगों के परिवारों को समर्थन दिया जाएगा और दोषियों पर संभावित वित्तीय और वीजा प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जिन लोगों को कैद करके रखा गया है, उनमें WNBA स्टार ब्रिटनी ग्रिनर और पूर्व मरीन पॉल व्हेलन शामिल हैं, ये दोनों ही रूस की जेल में बंद हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नए आदेश के चलते अमेरिकी नागरिक घर आ सकेंगे या नहीं लेकिन प्रशासन ने उन प्रावधानों से इशारा किया है, जिसके तहत बंदी बनाने वालों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
परिवारों को सहयोग देगी सरकार
यह आदेश सरकार को कैद लोगों के परिवारों के साथ अधिक सहयोग करने का भी निर्देश देता है, जिसमें खुफिया जानकारी सहित जरूरी जानकारी साझा करना और सुरक्षित रिहाई के प्रयास शामिल हैं। आदेश में छह नए देशों: चीन, रूस, बर्मा, उत्तर कोरिया, वेनेजुएला और ईरान के लिए विदेश विभाग की यात्रा सलाह के लिए नया 'डी को गलत तरीके से हिरासत में लेने के संकेत' के तौर पर शामिल किया गया है। वहीं किडनैपिग के लिए के इंडिकेटर का इस्तेमाल होता है। यहां इंडिकेटर के जरिए बताया गया है कि अमेरिकियों को किस देश में खतरा हो सकता है।
व्हाइट हाउस ने अपनी फैक्ट शीट में कहा है कि इन्हीं खतरों से लोगों को बचाने के लिए उन्हें सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी दी जाती है। यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब बाइडेन को हिरासत में लिए गए परिवारों द्वारा अपनों की रिहाई कराने लिए पर्याप्त काम नहीं करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। 'हमारे परिवारों को घर लाओ अभियान' में शामिल लोगों के एक समूह ने राष्ट्रपति से मामलों में और अधिक व्यक्तिगत रूप से शामिल होने का आह्वान किया है। बाइडेन ने उस दिन आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिस दिन 'हमारे परिवारों को घर लाओ' अभियान के तहत लोग वाशिंगटन आए, इस दौरान जो 18 अमेरिकी विदेश में हिरासत में लिए गए हैं, उनकी तस्वीरें इनके पास थीं।
विदेश मंत्री परिवारों से मिले थे
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि बाइडेन परिवारों से मिलेंगे या फिर नहीं। विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन इस पहले विदेश की जेलों में बंद कैदियों के परिवारों से मुलाकात कर चुके हैं। जेम्स डब्ल्यू. फॉले लिगेसी फाउंडेशन का अनुमान है कि करीब 18 देशों में 60 से अधिक अमेरिकी नागरिकों को गलत तरीके से हिरासत में रखा गया है, जिनमें से कुछ एक दशक से भी अधिक समय से कैद हैं। कार्यकारी आदेश का उद्देश्य प्रतिबंधों और अन्य उपायों के माध्यम से विदेशों में अमेरिकी नागरिकों की गलत हिरासत को रोकना और दोषियों को सजा देना है।
इस मामले में व्हाइट हाउस ने कहा, 'यह आतंकवादी संगठनों, आपराधिक समूहों और अन्य दुर्भावनापूर्ण लोगों पर प्रतिबंध लगाने के नए तरीके संभव बनाएगा, जो वित्तीय, राजनीतिक या अन्य लाभ के लिए लोगों को बंधक बनाते हैं।' बंधक बनाए गए या गलत तरीके से हिरासत में लिए गए अमेरिकियों को घर लाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।' प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार रात कहा कि मंगलवार को किसी भी नए प्रतिबंध की घोषणा नहीं की जाएगी। ब्रीफिंग कॉल पर अधिकारियों ने संवददाताओं से बात करते हुए कैद लोगों के परिवारों द्वारा उनकी आलोचना कम हो सके, इसके लिए भी कुछ नहीं कहा है।