Highlights
- पुतिन के भाषण के बाद भड़के बाइडेन
- हमले के खिलाफ एकजुट होने की बात कही
- यूक्रेन के साथ जारी युद्ध को बेवजह बताया
Vladimir Putin-Joe Biden: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक दिन पहले अपने भाषण में जो भी बातें कहीं, उन्हें पश्चिमी देश सीधे धमकी के तौर पर देख रहे हैं। उनकी कही बातों के बाद तमाम देशों से प्रतिक्रिया आई है। अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन ने पुतिन की कड़े शब्दों में आलोचना की है। जहां एक तरफ पुतिन ने कहा, ‘जो रूस के संबंध में इस प्रकार के बयान देते हैं, मैं उन्हें यह याद दिलाना चाहता हूं कि हमारे देश में भी तबाही के अनेक साधन हैं, जो नाटो देशों से अधिक आधुनिक हैं। जब हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा किया जाएगा तो रूस की और अपने लोगों की रक्षा के लिए हम हमारे पास मौजूद सभी साधनों का इस्तेमाल करेंगे।’ पुतिन ने ये बात ‘रूस के खिलाफ जनसंहार के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना संबंधी नाटो देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों के बयानों’ का जिक्र करते हुए कही है।
यूक्रेन के साथ बेवजह कर रहा युद्ध- बाइडेन
वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘हम रूस के हमले के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े रहेंगे।’ उन्होंने बुधवार को कहा कि रूस ने यूक्रेन के साथ ‘क्रूर और बेवजह’ युद्ध करके, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के ‘मूल सिद्धांतों का शर्मनाक तरीके से उल्लंघन’ किया है। संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान बाइडेन ने रूस के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यूक्रेन में आम नागरिकों के विरुद्ध किए गए रूस के अत्याचार की ‘रूह कंपाने वाली’ खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूरोप पर परमाणु हथियारों से हमले की नई धमकी से पता चलता है कि रूस परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने के बावजूद गैर जिम्मेदाराना तरीके से उसके प्रावधानों की ‘धज्जियां उड़ा रहा है।’
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा बुधवार को तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा का जिक्र करते हुए बाइडेन ने कहा कि रूस में इस कदम का विरोध हो रहा है। बाइडेन ने अपने संबोधन में कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य ने अपने पड़ोसी पर आक्रमण किया, एक संप्रभु राष्ट्र को नक्शे से मिटाने का प्रयास किया। रूस ने शर्मनाक तरीके से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन किया है।’ बाइडेन ने सभी देशों से रूस के ‘क्रूर, अनावश्यक युद्ध’ के खिलाफ बोलने और यूक्रेन को उसके खुद को बचाने के प्रयासों को मजबूती देने का आह्वान किया है।
रूस के 5,937 जवानों की हुई मौत
पुतिन ने कहा, ‘हम केवल आंशिक तैनाती की बात कर रहे हैं, ऐसे नागरिक जो रिजर्व में हैं उनकी अनिवार्य तैनाती की जाएगी। उनमें भी सबसे पहले जो सशस्त्र बलों में सेवाएं दे चुके हैं, उनके पास अनुभव है और दक्षता है, वह आएंगे।’ रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक यूक्रेन के साथ सैन्य अभियान में रूस के 5,937 जवान मारे गए हैं और यूक्रेन के 61,207 सैनिक मारे गए हैं। पश्चिम का अनुमान है कि मॉस्को के दावे के विपरीत उसके कहीं ज्यादा सैनिक युद्ध में मारे जा चुके हैं। पुतिन ने कहा, ‘जिन खतरों का सामना हम कर रहे हैं, उनसे हमारे देश, उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए आंशिक तैनाती का निर्णय सर्वथा उचित है।’
इससे पहले दिन में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के कब्जे में आए यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में जनमत संग्रह कराने की योजना को ‘कोरी बकवास’ बताते हुए खारिज कर दिया था। साथ ही उन्होंने शुक्रवार से शुरू होने जा रही इस कवायद की निंदा करने के लिए यूक्रेन के सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। जेलेंस्की ने रात के वक्त देश को संबोधित करते हुए कहा कि योजना को लेकर कई प्रश्न हैं। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि वे रूसी बलों के कब्जे में आए क्षेत्रों को वापस लेने की प्रतिबद्धताओं को बदल नहीं सकते।