Friday, December 13, 2024
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ट्रंप के कार्यभार संभालते ही दोस्त बन जाएंगे चीन और अमेरिका? जिनपिंग को मिला शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता

ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही चीन से आयात होने वाले सामान में टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी और अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को निमंत्रण भेजा है। हालांकि, अब तक पीएम मोदी को न्योता मिलने की जानकरी सामने नहीं आई है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Dec 13, 2024 8:08 IST, Updated : Dec 13, 2024 8:08 IST
Xi Jinping trump- India TV Hindi
Image Source : AP FILE डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू कर दी है। ट्रंप ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अलग-अलग देशों के नेताओं को निमंत्रण भेजना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 20 जनवरी को अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। यह जानकारी उनके प्रवक्ता ने दी। व्हाइट हाउस की नई प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने गुरुवार को फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा, "यह राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा उन देशों के नेताओं के साथ खुली बातचीत करने का एक उदाहरण है जो न केवल हमारे सहयोगी हैं, बल्कि हमारे विरोधी और प्रतिस्पर्धी भी हैं।"

उन्होंने कहा "हमने इसे पहले कार्यकाल में देखा था। इसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई, लेकिन इससे दुनिया भर में शांति आई। वह किसी से भी बात करने को तैयार हैं। वह हमेशा अमेरिका के हित को सबसे पहले रखेंगे।" हालांकि, लेविट ने यह नहीं बताया कि चीनी राष्ट्रपति ने निमंत्रण स्वीकार किया है या नहीं। व्हाइट हाउस ने निमंत्रण पर टिप्पणी नहीं करना पसंद किया। 

ट्रंप तय करेंगे शपथ ग्रहण समारोह के मेहमान

व्हाइट हाउस के जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, "यह राष्ट्रपति ट्रंप पर निर्भर करेगा कि वह शपथ ग्रहण समारोह में उनके साथ कौन बैठेगा, कौन वहां मौजूद रहेगा। हमने द्विपक्षीय संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण इस पर वास्तव में कड़ी मेहनत की है। राष्ट्रपति ने शी जिनपिंग से कई बार मुलाकात की, जिसमें हाल ही में हुई मुलाकात भी शामिल है। और जैसे ही आप ट्रंप टीम को चीजें सौंपने के लिए तैयार होते हैं, हम अमेरिका-चीन संबंधों को उस स्थिति से बेहतर स्थिति में सौंप रहे हैं, जिसमें हमने इसे पाया था। इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे बीच मतभेद नहीं हैं।" 

यह संबंध अवसर और खतरों से भरा

किर्बी ने कहा "हम करते हैं और हम करेंगे और मुझे यकीन है कि वे भी करेंगे, लेकिन हम इस संबंध पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं और हम इसे अंत तक करेंगे।" एक सवाल के जवाब में, किर्बी ने कहा कि उद्घाटन के निमंत्रण पर निर्णय देना उनका काम नहीं है। "यह वास्तव में ट्रंप टीम के लिए है। निस्संदेह दुनिया में संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध है। और यह एक ऐसा संबंध है जो खतरे और अवसर दोनों से भरा है।" 

ट्रंप को बाइडेन के काम की पूरी जानकारी देंगे

किर्बी ने कहा, "जब हम ट्रंप टीम को कार्यभार सौंपने के लिए तैयार होंगे, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा किए गए सभी कार्यों के बारे में पूरी जानकारी हो, और उन्होंने इस संबंध को और अधिक स्थिर बनाने के लिए बहुत कुछ किया है और यह उन पर निर्भर करेगा कि वे इसे कैसे और किस हद तक आगे ले जाना चाहते हैं।"

क्या भारत के लिए खतरे की घंटी

ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अगर ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय लेन देन के लिए किसी दूसरी करेंसी का इस्तेमाल करते हैं तो उन पर नए प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे और 100 फीसदी टैरिफ लगा दी जाएगी। हालांकि, अब उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया है, लेकिन अब तक भारतीय प्रधानमंत्री को इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया है। अगर ट्रंप चीन के साथ दोस्ती बढ़ाते हैं और भारत को दरकिनार करते हैं तो यह भारत के लिए नई चुनौतियां पेश करेगा। (इनपुट- पीटीआई)

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