यूएफओ और एलियंस को लेकर बीते कई दशकों से बहस जारी है। इससे जुड़े अधिकतर मामले अमेरिका में सामने आए हैं। लेकिन इस सवाल का जवाब आज तक ढूंढा जा रहा है, कि क्या एलियंस वाकई में होते हैं? इस मामले में अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन को कई सूचना मिलीं, जिनमें यूएफओ देखे जाने का दावा किया गया। लेकिन अब उसने एक रिपोर्ट में कहा है कि एलियंस की मौजूदगी से जुड़े कोई भी ठोस सबूत अभी तक नहीं मिले हैं।
एलियंस से जुड़े मामलों के लिए जुलाई में ऑल-डोमेन अनॉमली रिजॉल्यूशन ऑफिस (एएआरओ) का गठन किया गया था। यह न केवल आसमान में दिखने वाली अज्ञात वस्तुओं को ट्रैक करने में सक्षम है बल्कि पानी के भीतर और अंतरिक्ष में मौजूद अज्ञात वस्तुओं पर नजर बनाए रखता है।
चुपचाप चलाया गया ऑपरेशन
आसमान में एक साल से भी अधिक समय तक अज्ञात दिखने वाली वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने के बाद इस कार्यालय की शुरुआत की गई। इससे पहले बीते साल पेंटागन की री यूएफओ यूनिट को लेकर दावा किया जा रहा था कि उसे भंग कर दिया गया है। लेकिन यह अमेरिकी नौसना की मदद से गुपचुप तरीके से काम कर रहा था। यूएस नेवी इंटेलीजेंस के तहत जारी इस प्रोग्राम को 'अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स' नाम दिया गया था।
कैमरे में कैद हुए 80 यूएफओ
जून, 2021 में डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के कार्यालय ने रिपोर्ट किया कि 2004 और 2021 के बीच ऐसी 144 घटनाएं हुई हैं, जिनमें से 80 विभिन्न सेंसर में कैद हो गईं। एनोमलीज ऑफिस के डायरेक्टर सियान किर्कपैट्रिक ने कहा, "उसके बाद से हमने बहुत सारे यूएफओ कैमरे में कैद होते देखे हैं।" जब किर्कपैट्रिक से इनकी संख्या पूछी गई तो उन्होंने कहा, "ये संख्या सैकड़ों में है।"
कांग्रेस के सदस्यों ने जताई थी चिंता
पेंटागन के ऑफिस को केवल इसलिए नहीं शुरू किया गया कि दूसरी दुनिया में जीवन संभव है या नहीं बल्कि इसलिए भी किया गया है ताकि सैन्य प्रतिष्ठानों और सैन्य विमानों पर होने वाले हमलों की निगरानी की जा सके। ये ऐसे हमले होते हैं, जिनके बारे में कोई जानकारी ही नहीं मिल पाती। इस साल मई में इस मामले में अमेरिकी कांग्रेस ने अपनी पहली सुनवाई की थी, जिसमें कई सदस्यों ने चिंता जाहिर की कि अज्ञात वस्तुएं वाकई में हैं या फिर चीन, रूस या अन्य संभावित विरोधियों की तरफ कुछ भेजा जा रहा है। वास्तव में अगर सुरक्षा के नजरिए से देखें, तो अमेरिका पर लगातार खतरा बना हुआ है।