वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन स्थित अमेरिकी दूतावास में कार्यरत सभी अमेरिकी कर्मियों के परिवारों को रूसी हमले के बढ़ते खतरों के बीच रविवार को देश छोड़ने का आदेश दिया। मंत्रालय ने कीव स्थित अमेरिकी दूतावास के कर्मियों के आश्रितों को परामर्श दिया कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। उसने यह भी कहा कि दूतावास में कार्यरत गैर-जरूरी कर्मी सरकारी खर्चे पर देश छोड़कर आ सकते हैं।
अमेरिका सरकार ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब यूक्रेन की सीमा पर रूस की सैन्य मौजूदगी बढ़ने के कारण तनाव बढ़ गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने तनाव कम करने के लिए शुक्रवार को वार्ता की, लेकिन इस दौरान सफलता नहीं मिली। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कीव स्थित दूतावास खुला रहेगा और इस घोषणा का मतलब यूक्रेन से अमेरिकी अधिकारियों को निकाला जाना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कदम पर लंबे समय से चर्चा हो रही थी और इसका अर्थ यह नहीं है कि अमेरिका यूक्रेन के प्रति समर्थन को कम कर रहा है।
इससे पहले अमेरिका और रूस ने यूक्रेन को लेकर गतिरोध में बढ़े हुए तनाव को कम करने की कोशिश की लेकिन दोनों ने रूस के संभावित आक्रमण को रोकने को लेकर शुक्रवार को हुई उच्च स्तरीय वार्ता में कोई उपलब्धि नहीं हासिल होने की बात कही। बिल्कुल विपरीत मांगों को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने जिनेवा में करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की। अमेरिका इसे ‘अहम क्षण’ बता रहे हैं। लेकिन दोनों पक्षों में कोई भी समाधान की दिशा में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ सका।
ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस की ज्यादातर मांगों को खारिज करने पर अडिग है। बहरहाल, ब्लिंकन ने लावरोव से कहा कि अमेरिका रूस को उसके प्रस्तावों पर अगले सप्ताह लिखित जवाब देगा। उन्होंने कहा कि उसके कुछ समय बाद उन दोनों के बीच फिर वार्ता हो सकती है। यूक्रेन के समीप करीब 100000 रूसी सैनिकों के जमावड़े से कई लोगों को आशंका है कि रूस हमले की तैयारी कर रहा है। हालांकि रूस इससे इनकार करता है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस को ऐसा करने से रोकने या ऐसा करने पर जबर्दस्त जवाब देने के लिए गोलबंद हो रहे हैं।