वाशिंगटन: आतंकवाद को लेकर अमेरिका की तरफ से एक बड़ा बयान सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी की तरफ से कहा गया है कि अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में लगातार हो रही आतंकवादी गतिविधियों के कारण पाकिस्तान आतंकवाद के भयानक खतरे का सामना कर रहा है। लू ने कहा कि पाकिस्तान के लिए आर्थिक स्थिरता पर ध्यान देना भी जरुरी है।
फंस गया है पाकिस्तान
पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनावों के संबंध में दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने सदन की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों को बताया कि अफगानिस्तान में 40 वर्षों से संघर्ष चल रहा है और पाकिस्तान इसमें फंस गया है। लू ने कहा कि अफगानिस्तान में संघर्ष की समाप्ति हम सभी को पाकिस्तान के साथ अपनी शर्तों पर संबंध बनाने का अवसर प्रदान करती है और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पाकिस्तान के लोगों का करना है समर्थन
डोनाल्ड लू ने कहा, ''अब पाकिस्तान के साथ हमारा एक प्रमुख लक्ष्य है कि हमें पाकिस्तानी लोगों का समर्थन करना है क्योंकि मौजूदा समय में वहां के लोग आतंकवाद के भयानक खतरे का सामना कर रहे हैं।'' लू ने कहा, ''पिछले तीन वर्षों में खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में आतंकी हमले तेजी के साथ बढ़े हैं। अफगान क्षेत्र से हमले किए जा रहे हैं।''
ध्यान देना है जरूरी
शीर्ष अधिकारी कहा, ''हाल ही में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की करफ से बड़ा आतंकी हमला किया गया जिसमें सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई। हम अफगान तालिबान से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि उसके क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों के लिए मंच के रूप में नहीं किया जाए।"
आत्मघाती हमलों से दहला पाकिस्तान
गौरतलब है कि, अफगानिस्तान की सीमा से लगे उत्तरी वजीरिस्तान के अशांत इलाके में बीते शनिवार को एक सुरक्षा जांच चौकी पर छह आतंकवादियों जरिए किए गए आत्मघाती हमलों में पांच सैनिकों के साथ एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक कैप्टन की मौत हो गई थी। वहीं, इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि उसने मीर अली इलाके में चेक पोस्ट पर हमला करने वाले सभी छह आतंकवादियों को मार गिराया है।
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