अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अदालत ने यौनाचार के मामले में दोषी करार दिया है। साथ ही पीड़ित महिला को 50 लाख डॉलर यानि करीब 410 करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर भुगतान करने का आदेश दिया गया है। हालांकि महिला ने बलात्कार का भी आरोप लगाया था, लेकिन कोर्ट ने दुष्कर्म के दावे को खारिज कर दिया। सिर्फ यौन शोषण के मामले में पूर्व राष्ट्रपति को दोषी करार दिया गया है। अमेरिकी कानूनों के मुताबिक यह मामला दीवानी में आता है। इसलिए उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा।
जूरी ने दशकों पहले एक हाई-एंड स्टोर के फिटिंग रूम में हुए हमले और ट्रंप द्वारा उनके आरोपों को धोखाधड़ी कहकर उनकी मानहानि करने वाले दीवानी मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया। जूरी ने महिला के बलात्कार के दावे को स्वीकार नहीं किया, लेकिन यौन शोषण और मानहानि के लिए ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि ई. जीन कैरोल (79) ने अगले साल रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ट्रम्प के खिलाफ मुकदमा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि दशकों पहले ट्रंप ने उनके साथ बलात्कार किया था, लेकिन उन्हें ठीक-ठीक याद नहीं है कि यह कब हुआ था।
एक और मामले में ट्रंप पर चल रहा मुकदमा
ट्रुथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। फैसला आने पर महिलाओं के साथ उसके व्यवहार की निंदा करते हुए अदालत के बाहर प्रदर्शनकारियों की एक बड़ी भीड़ जमा थी। कैरोल ने कहा कि यह मामला 1996 के आसपास का है जब वह एले पत्रिका के लिए कॉलम लिखती थीं। इसके अलावा ट्रम्प न्यूयॉर्क में एक स्थानीय अभियोजक द्वारा लाए गए एक आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं, जिसमें उनके साथ संबंधों का दावा करने वाली एक महिला को किए गए भुगतान को छिपाने के लिए कारोबारी के रिकॉर्ड में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था।
अगर उस मामले में दोषी ठहराया जाता है, तो उन्हें जेल की सजा सुनाई जा सकती है, हालांकि अमेरिकी संविधान के तहत चुनाव लड़ने से उन्हें नहीं रोका जा सकेगा। कई महिलाओं ने उन पर बलात्कार और यौन शोषण का आरोप लगाया है, लेकिन तीन बार शादी करने वाले ट्रम्प, जो कभी प्लेबॉय की छवि में थे, को आपराधिक आरोपों का सामना नहीं करना पड़ा है।