अमेरिका और चीन के रक्षा प्रमुखों ने मंगलवार को कंबोडिया में एक क्षेत्रीय बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की। अमेरिकी और चीनी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन और चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग के बीच छह महीने में आमने-सामने की दूसरी बैठक थी। इस बैठक के कुछ सप्ताह पहले इंडोनेशिया में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी जिसे व्यापार और ताइवान पर चीन के दावों के कारण दोनों देशों में तनाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखा गया।
ऑस्टिन और वेई दक्षिण पूर्वी एशिया राष्ट्रों के संगठन (आसियान) और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के अन्य प्रमुख देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने कंबोडिया आए हैं। अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव अगस्त में तब और बढ़ गया जब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पेट रायडर ने कहा कि ऑस्टिन ने वेई को बाइडेन की ‘एक चीन नीति’ के लिए प्रतिबद्धता को लेकर आश्वस्त किया। रायडर ने एक बयान में कहा कि ऑस्टिन ने यथास्थिति में एकतरफा बदलाव को लेकर आपत्ति को रेखांकित किया और चीन से ताइवान के प्रति अस्थिरता वाली कार्रवाई से परहेज करने को कहा।
शी और बाइडेन की बैठक को बताया जरूरी
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल तान केफई ने संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार की वार्ता को शी और बाइडेन के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के क्रियान्वयन की दिशा में ठोस कदम बताया। उन्होंने कहा कि चीन-अमेरिका के संबंधों को वापस पटरी पर लाने के लिए बैठक बहुत महत्वपूर्ण थी। हालांकि, चीन के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में वेई के हवाले से कहा गया, ‘‘चीन-अमेरिका की स्थिति के लिए अमेरिकी पक्ष जिम्मेदार है, इसमें चीनी पक्ष की भूमिका नहीं है।’’ रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने दक्षिण चीन सागर, यूक्रेन , कोरिया प्रायद्वीप को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।
अमेरिका के बयान में कहा गया कि ऑस्टिन ने यूक्रेन में रूस के हमले पर चर्चा की और उल्लेख किया कि वाशिंगटन और बीजिंग ‘‘युद्ध में परमाणु हथियार के इस्तेमाल या इस बारे में धमकी दिए जाने का विरोध करते हैं।’’