UNSC: युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले खतरों को लेकर पहली बैठक आयोजित की। विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए एक नई अंतरराष्ट्रीय संस्था बनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) तेजी से अपने संभावित जोखिमों और लाभों को प्रकट करती है और संयुक्त राष्ट्र के पास निगरानी और विनियमन के लिए विश्व स्तर पर सहमत नियमों को निर्धारित करने का अवसर है। गुटेरेस ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र को 2026 तक युद्ध के स्वचालित हथियारों में एआई के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता करना चाहिए।
गुटेरस ने किया ट्वीट, किया यह आह्वान
गुटेरेस ने एक ट्वीट में कहा, आज मैंने सुरक्षा परिषद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तात्कालिकता की भावना, वैश्विक दृष्टिकोण और सीखने की मानसिकता के साथ अपनाने का आग्रह किया। हमें एआई सिस्टम की पारदर्शिता, जवाबदेही और निगरानी के लिए सामान्य उपायों की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए
विदेशी मीडिया के मुताबिक, रूस ने यूएनएससी के बहुमत के दृष्टिकोण से हटकर यह संदेह व्यक्त किया कि एआई के जोखिमों के बारे में पर्याप्त जानकारी है, जो इसे वैश्विक अस्थिरता के खतरों के स्रोत के रूप में सामने लाती है। वहीं, चीनी सरकार ने तर्क दिया कि संयुक्त राष्ट्र के नियमों को विकासशील देशों के विचारों को प्रतिबिंबित करना चाहिए क्योंकि इनका उद्देश्य टेक्नोलॉजी को "भागा हुआ जंगली घोड़ा" बनने से रोकना है।
चीन ने की विकसित देशों की आलोचना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राजदूत झांग जून ने कहा कि एआई को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानून और मानदंड लचीले होने चाहिए ताकि देशों को अपने स्वयं के राष्ट्रीय स्तर के नियम स्थापित करने की आजादी मिल सके। उन्होंने एआई में प्रभुत्व हासिल करने की कोशिश के लिए बिना नाम लिए "विकसित देशों" की भी आलोचना की।
चीनी आरोपों पर अमेरिका ने कही ये बात
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है, बैठक में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अधिकारी ने सीधे तौर पर चीनी सरकार के आरोपों को संबोधित नहीं किया, लेकिन जातीय अल्पसंख्यकों पर निगरानी रखने के लिए चीन द्वारा प्रौद्योगिकी के उपयोग का संभावित परोक्ष संदर्भ में कहा कि किसी भी सदस्य देश को लोगों को नियंत्रण करने, प्रतिबंधित करने, दबाने या कमजोर करने के लिए एआई का उपयोग नहीं करना चाहिए। बैठक का नेतृत्व ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने एआई नियमों को विनियमित करने, निगरानी करने और लागू करने के लिए एक शासी निकाय के रूप में संयुक्त राष्ट्र निगरानी संस्था की आवश्यकता पर भी जोर दिया।