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चीन की बदमाशी के खिलाफ भारत के साथ खड़ा हुआ अमेरिका, दिया बड़ा बयान

नेड प्राइस ने कहा, हमने पहले भी अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है।

Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : February 04, 2022 16:19 IST
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Image Source : AP FILE अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस।

Highlights

  • जहां तक बात भारत-चीन सीमा विवाद की है, हम सीधे संवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना जारी रखेंगे: अमेरिका
  • हम हिंद-प्रशांत में अपनी साझा समृद्धि, सुरक्षा तथा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए भागीदारों और सहयोगियों के साथ खड़े हैं: यूएस
  • पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था कि उसके 5 सैन्य अधिकारी तथा जवान झड़प में शहीद हुए थे।

वॉशिंगटन: अमेरिका ने कहा है कि वह चीन की आक्रामकता के खिलाफ भारत के प्रति एकजुट है। दरअसल, देश के अनेक सांसदों ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में घायल हुए PLA के एक सैनिक को ओलंपिक मशाल वाहक बनाने के चीन के फैसले की निंदा की, इसके बाद अमेरिका ने यह बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरुवार को एक डेली प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘जहां तक बात भारत-चीन सीमा विवाद की है, हम सीधे संवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना जारी रखेंगे।’

‘हम अपने दोस्तों के साथ खड़े हैं’

नेड प्राइस ने कहा, ‘हमने पहले भी अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है। जैसा कि हम हमेशा करते हैं, हम दोस्तों के साथ खड़े हैं। हम हिंद-प्रशांत में अपनी साझा समृद्धि, सुरक्षा तथा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए भागीदारों और सहयोगियों के साथ खड़े हैं।’ इससे पहले दिन में, 2 शीर्ष अमेरिकी सांसदों मार्को रुबियो और जिम रिश ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के रेजिमेंटल कमांडर क्वी फाबाओ को ओलंपिक मशाल वाहक बनाने के फैसले के लिए चीन की आलोचना की थी।

पेलोसी ने भी चीन पर साधा निशाना
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने भी आरोप लगाया कि चीन की सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा ओलंपिक का इस्तेमाल किया जा रहा है और चीन में मानवाधिकारों के हनन से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि सेना के रेजिमेंट कमांडर क्वी फाबाओ 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ सीमा पर हुई हिसंक झड़प में घायल हो गए थे और चीन ने ओलंपिक समारोह में उन्हें मशाल वाहक के रूप में चुना है।

भारतीय सेना के 20 जवान हुए शहीद
गलवान घाटी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था कि उसके 5 सैन्य अधिकारी तथा जवान झड़प में शहीद हुए थे। बीजिंग में 24वें शीतकालीन ओलंपिक समारोह की शुरुआत शुक्रवार को होगी।

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