Highlights
- रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए काफी कम काम किया है।
- अमेरिका ने रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकी आकाओं पर मुकदमा चलाने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।
- विदेश विभाग की रिपोर्ट में 2020 में पाकिस्तान में हुई कुछ प्रमुख आतंकी घटनाओं का जिक्र भी किया गया है।
वॉशिंगटन: आर्थिक और राजनीतिक संकट झेल रहे पाकिस्तान के लिए अमेरिका से भी बुरी खबर आई है। अमेरिका के विदेश विभाग ने अपनी 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2020: पाकिस्तान' में कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए काफी कम काम किया है। विदेश विभाग ने साथ ही कहा है कि उसने 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड रहे जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर और लश्कर के साजिद मीर जैसे आतंकी आकाओं पर मुकदमा चलाने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।
‘पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में हुई बढ़ोत्तरी’
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी रिपोर्ट में 2020 में पाकिस्तान में हुई कुछ प्रमुख आतंकी घटनाओं का जिक्र भी किया है। इसमें 10 जनवरी को क्वेटा में एक मस्जिद पर हुए हमले और जून में कराची में स्थित पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर हुए हमले का जिक्र शामिल है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में 2019 के मुकाबले 2020 में आतंकी घटनाओं में हल्की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। इसमें बलूचिस्तान और सिंध में हुए हमलों का खासतौर पर जिक्र है।
तल्ख हुए अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते
बता दें कि इन दिनों अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में भी तल्खी देखने को मिल रही है, और इसका प्रमुख कारण चीन को माना जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा लोकतंत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने का निर्णय किया था। खास बात यह है कि पाकिस्तान ने यह फैसला चीनी विदेश मंत्री वांग यी और शाह महमूद कुरैशी के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद किया था। अमेरिका ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए 110 देशों को आमंत्रित किया था। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने सम्मेलन में भाग न लेने का फैसला चीन के दबाव में किया था।