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United States: जेल जाने से बचने के लिए महिला ने कोर्ट को सौंपे फर्जी दस्तावेज, मिली तिगुनी सजा

United States: FBI के अधिकारियों का कहना है कि कैंसर होने की बात और उससे संबंधित चिट्ठी सब कुछ फर्जी है।

Edited By: Vineet Kumar @JournoVineet
Published : Jul 07, 2022 19:22 IST, Updated : Jul 07, 2022 19:22 IST
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Image Source : AP FILE Representational Image.

Highlights

  • एक नोट में कहा गया था कि आरोपी महिला के गर्भाशय में ‘कैंसर की कोशिकाओं’ का पता चला है।
  • महिला का यह दावा बाद में फर्जी निकला और अब उसकी सजा को अदालत ने 3 गुना बढ़ा दी है।
  • कोर्ट ने पहले उसे एक साल जेल की सजा सुनाई थी जिसे बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है।

United States: अमेरिका के कैलिफोर्निया की 38 साल एक महिला एश्ली लिन शावेज ने पैसों की हेराफेरी के मामले में खुद को जेल जाने से बचाने के लिए कैंसर से पीड़ित होने का दावा किया। महिला का यह दावा बाद में फर्जी निकला और अब उसकी सजा को अदालत ने 3 गुना बढ़ा दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फर्जीवाड़ा करने वाली इस महिला को अब एक साल की बजाय 3 साल जेल की सजा भुगतनी होगी। सजा सुनाने वाले फेडेरल जज को सौंपे गए एक नोट में कहा गया था कि आरोपी महिला के गर्भाशय में ‘कैंसर की कोशिकाओं’ का पता चला है।

‘महिला के दस्तावेज फर्जी हैं’

दूसरे लेटर में जज को फिर बताया गया कि आरोपी की सर्जरी चल रही है और उसका कैंसर फैल गया है। तीसरे पत्र में कहा गया कि उसकी नाजुक स्थिति के कारण उसे उन हालात में नहीं रखा जा सकता जहां वह ‘कोविड-19 से संक्रमित हो सकती है।’ संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के अधिकारियों का हालांकि कहना है कि कैंसर होने की बात और उससे संबंधित चिट्ठी सब कुछ फर्जी है और एश्ली लिन शावेज को अब 3 गुना ज्यादा वक्त जेल में ही बिताना होगा। कोर्ट ने पहले उसे एक साल जेल की सजा सुनाई थी जिसे बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है।

6 महीने जेल जाने से बची रही
शावेज ने अपने पूर्व एम्प्लॉयी से 1.6 लाख डॉलर से अधिक पैसे की हेराफेरी की और इस मामले में 2019 में दोषी होने की याचिका दायर की। कैंसर से पीड़ित होने के फर्जी दावे ने आरोपी महिला को जमानत पर 31 मार्च 2021 तक जेल जाने से बचाए रखा। इसके बाद अदालत में सौंपे नोट के जरिये उसे 3 महीने की और मोहलत मिली। कैलिफोर्निया के सदर्न डिस्ट्रिक्ट के अटॉर्नी कार्यालय ने यह जानकारी दी। संघीय अधिकारियों ने कहा कि यह सब होने के बाद शावेज 6 महीने तक जेल जाने से बची रही।

‘सता रहा था बच्चे से अलग होने का डर’
शावेज के वकील बेंजामिन किंगटन ने कहा कि शावेज को अपने नवजात बच्चे से अलग होने का डर सता रहा था। अदालत को सौंपे गए नोट में यह भी दावा किया गया कि महिला बीमारी के चलते काम करने में भी अक्षम है और अपने पूर्व नियोक्ता को हर्जाने की रकम अदा नहीं कर सकती। शावेज के 2 अलग-अलग वकीलों ने यह माना कि नोट में कही बात सही हैं और उन्हें अदालत में सौंपा गया। अगस्त 2021 में शावेज ने फर्जी नोट सौंपे जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया कि उसे सजा की अवधि के दौरान घर पर ही नजरबंद कर दिया जाए।

डॉक्टरों ने पत्र लिखने की बात से किया इनकार
एक नोट में कहा गया कि ‘जेल में बिताया गया एक साल महिला के लिए मौत की सजा के समान हो सकता है।’ संघीय अधिकारियों ने जब नोट में उल्लिखित डॉक्टरों से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसा कोई पत्र लिखने की बात से इनकार कर दिया हालांकि शावेज ने उन डॉक्टरों में से एक से इलाज करवाया था। FBI के विशेष एजेंट स्टेसी मोय ने बयान में कहा, ‘इस आरोपी ने जेल जाने से बचने के लिए फर्जी चिकित्सा दस्तावेज बनाए ताकि वह दावा कर सके कि उसे कैंसर है।’

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