Friday, December 27, 2024
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Digital India की ताकत देख फिदा हुआ UN, महासचिव गिल ने कहा-‘ग्लोबल साउथ’ में भारत बनेगा "AI" का लीडर"

पूरी दुनिया पर एआइ का खुमार छाने लगा है। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन जैसे देशों ने एआइ में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लिहाजा भारत भी किसी देश से पीछे नहीं रहना चाहता। पीएम मोदी ने हाल ही में भारत को एआइ में विश्व में बड़ा मुकाम दिलाने का ऐलान किया है। यूएन भी मानता है कि इस दिशा में भारत ग्लोबल साउथ का लीडर हो सकता है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 13, 2023 17:51 IST, Updated : Dec 13, 2023 17:52 IST
AI की प्रतीकात्मक फोटो
Image Source : AP AI की प्रतीकात्मक फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन ने पूरी दुनिया को अपनी प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक तकनीकि का लोहा मनवाया है। अब जमाना आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस यानि एआइ का है। लिहाजा पूरी दुनिया में बड़ी क्रांति लिखे जाने की तैयारी है। एआइ को लेकर अमेरिका से ब्रिटेन तक होड़ में तेज दौड़ रहे हैं। मगर भारत भी प्रौद्योगिकी का बेताज बादशाह बन बैठा है। इसीलिए तो संयुक्त राष्ट्र तक यह मानने को मजबूर है कि भारत ग्लोबल साउथ में एआइ का लीडर बनेगा। संयुक्त राष्ट्र ने माना है कि ग्लोबल साउथ में भारत एआइ के इस्तेमाल की दिशा और दशा तय करेगा। 
 
प्रौद्योगिकी संबंधी मामलों पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के दूत अमनदीप सिंह गिल ने कहा है कि डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में बड़े पैमाने पर सफल अनुभव के मद्देनजर यह तय करने में भारत का एक अलग सुविधाजनक स्थान है कि ‘ग्लोबल साउथ’ में कृत्रिम मेधा की क्या भूमिका हो सकती है। ‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। गिल ने कहा कि संभावित जोखिमों और चुनौतियों से निपटने के क्षेत्र में भारत का अनुभव भी विश्व के लिए लाभकारी होगा।
 

पूरी दुनिया के लिए लाभकारी होगा भारत का अनुभव

गिलने कहा कि भारत का अनुभव पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनेगा। उन्होंने कहा ‘‘एक बड़े विकासशील देश के रूप में डिजिटल पहचान, डिजिटल भुगतान तंत्र की नींव रखने और फिर डेटा प्रवाह, डेटा प्रबंधन मंचों का निर्माण शुरू करके बड़े पैमाने पर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के सफल अनुभव के मद्देनजर भारत का यह तय करने में अद्वितीय सुविधाजनक स्थान है कि ‘ग्लोबल साउथ’ में एआइ  कैसे काम कर सकता है।
 

विकासशील देशों की चुनौतियों से निपटने का नेतृत्व कर सकता है भारत

गिल ने कहा कि भारत विकास के लिए एआइ के जिम्मेदारीपूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देने, वित्तीय समावेशन, स्वास्थ्य और शिक्षा कार्यक्रमों तक सभी की पहुंच, युवाओं की बढ़ती आबादी के लिए अच्छी तनख्वाह वाली नौकरियों के साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था के निर्माण सहित विकासशील देशों के सामने आने वाली कई चुनौतियों से निपटने में ‘‘नेतृत्व’’ कर सकता है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ में इंडोनेशिया, ब्राजील, केन्या, दक्षिण अफ्रीका जैसे अपने उन साथी देशों के साथ भारत का रुख बहुत ‘‘महत्वपूर्ण’’ होगा जिनके पास चीन एवं अमेरिका जैसे देशों की तरह आर्थिक लाभ नहीं हैं। वर्ष 2016-2018 तक जिनेवा में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि रहे गिल को पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने प्रौद्योगिकी पर अपना दूत नियुक्त किया था। (भाषा) 
 

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