ग्वांतानामो: पाकिस्तान के दो भाई 20 साल से ग्वांतानामो बे की सैन्य जेल में बंद थे। उन्हें अब जाकर रिहा किया गया है। उन पर आरोप था कि उन्होंने अलकायदा के सदस्यों को पनाह दी थी। अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान के दो भाइयों को 20 साल तक बिना आरोपों के ग्वांतानामो बे सैन्य जेल में बंद रखने के बाद गुरुवार को उनके देश भेज दिया।
अब्दुल और मोहम्मद रब्बानी अमेरिकी हिरासत से रिहा होने वाले हालिया कैदी हैं। यह कदम तब उठाया गया जब अमेरिका जेल को खाली कराने तथा इसे बंद करने की कोशिशों में लगा है। जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन ने अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए अलकायदा के हमलों के बाद चरमपंथी संदिग्धों के लिए क्यूबा में नौसैन्य अड्डे पर यह जेल बनाई थी।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने दोनों भाइयों को 2002 में उनके गृह नगर कराची से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें अमेरिकी अधिकारियों को सौंप दिया गया था। अमेरिकी अधिकारियों ने दोनों पर अलकायदा सदस्यों को अपने घर में पनाह देने तथा अन्य सहयोग देने का आरोप लगाया था।
दोनों भाइयों ने ग्वांतानामो भेजे जाने से पहले सीआईए की हिरासत में प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था। अमेरिकी सेना ने एक बयान में पाकिस्तानी भाइयों को उनके देश भेजे जाने की घोषणा की। इसने उनकी वापसी के संबंध में पाकिस्तान द्वारा रखी गयी किसी भी शर्त की अभी कोई जानकारी नहीं दी।
ग्वांतानामो में 2003 में एक समय करीब 600 कैदी थे जिन्हें अमेरिका आतंकवादी मानता था। पेंटागन ने बताया कि ग्वांतानामो बे में अब भी 32 कैदी हैं जिनमें से 18 को उनके देश भेजा जा सकता है अगर वे उन्हें वापस लेने के लिए तैयार हो जाते हैं।