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G-20 से वापस जाते ही तुर्की ने फिर बदला रंग, पाकिस्तान को खुश करने के लिए UNGA में उठाया कश्मीर का मुद्दा

तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप में जब कोई मददगार उसे नजर नहीं आया तो मानवता को सबसे ऊपर रखते हुए भारत ने ही उसके लोगों की जान बचाई। पीएम मोदी ने सबसे पहले तुर्की में आर्मी को मदद के लिए भेजा। मगर अब वही तुर्की पाक को खुश करने के लिए यूएनजीए में कश्मीर मुद्दा फिर से उठा रहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: September 20, 2023 11:45 IST
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन।- India TV Hindi
Image Source : AP तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन।

नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता का समर्थन करके सबको चौंकाने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रजय तैयब एर्दोगन के सुर फिर से बदल गए हैं। जी-20 से स्वदेश वापसी के बाद अब संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में तुर्की ने अपना रंग बदल दिया है। अपने दोस्त पाकिस्तान को खुश करने के लिए तुर्की ने फिर यूएनजीए में कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत से मुसीबत मोल ले ली है।

राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय 78वें सत्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया। एर्दोगन ने मंगलवार को महासभा की आम बहस में विश्व नेताओं को दिए संबोधन में कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद और सहयोग के जरिये कश्मीर में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति की स्थापना कर दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तुर्किये इस दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करना जारी रखेगा।’’ एर्दोगन की यह टिप्पणी तब आई है, जब कुछ सप्ताह पहले उन्होंने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार और बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की थी।

कश्मीर मुद्दा उठाने के साथ भारत की तारीफ भी की

एर्दोगन ने कश्मीर मुद्दा उठाने के साथ ही भारत की एक मामले में तारीफ भी की। उन्हें शायद पता था कि इससे मामला बिगड़ सकता है। एर्दोगन कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहाकि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी और 15 ‘‘अस्थायी’’ सदस्य‍ों को स्थायी सदस्य बनाने के पक्षधर हैं। एर्दोगन ने हाल के वर्षों में संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में विश्व नेताओं को दिए अपने संबोधन में कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाया है। उन्होंने मंगलवार को यूएनजीए सत्र में कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान ने 75 साल पहले संप्रभुता और स्वतंत्रता हासिल करने के बाद भी आपस में शांति एवं सद्भाव कायम नहीं किया है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद और प्रार्थना करते हैं कि कश्मीर में उचित और स्थायी शांति एवं समृद्धि स्थापित हो।

’’ एर्दोआन ने 2020 में भी आम बहस में पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो बयान में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया था। उस समय भारत ने इसे ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’’ बताते हुए कहा था कि तुर्किये को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और अपनी नीतियों पर अधिक गहरायी से विचार करना चाहिए। फिलहाल एर्दोगन के इन नए बयान पर अभी तक भारत की कोई नई प्रतिक्रिया नहीं आई है। (भाषा)

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