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ट्रंप ने BRICS देशों को दी बड़ी चेतावनी, डॉलर की जगह दूसरी मुद्रा के इस्तेमाल पर 100 फीसदी लगेगा टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को फिर चेताया है। उन्होंने कहा है कि अगर इसके सदस्य देशों ने डॉलर की जगह किसी दूसरी मुद्रा का इस्तेमाल किया तो वह उन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएंगे।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jan 31, 2025 14:07 IST, Updated : Jan 31, 2025 14:07 IST
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।
Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के राष्ट्रपति।

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को फिर एक बार बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और मुद्रा के इस्तेमाल का प्रयास करेंगे तो वह उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगा देंगे। ट्रंप ने कहा कि ब्रिक्स देश ‘‘कोई और मूर्ख देश’’ ढूंढ लें। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश करें और हम खड़े होकर बस देखते रहें, इस तरह के विचारों के दिन खत्म हो चुके हैं।’’

उन्होंने कहा कि वह ब्रिक्स देशों से यह प्रतिबद्धता चाहते हैं कि वे न तो नयी ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे न ही अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे। ट्रंप ने कहा, ‘‘नहीं तो, उन्हें 100 प्रतिशत शुल्क का सामना करना होगा या फिर शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बिक्री को अलविदा कहने की उम्मीद करनी चाहिए।’’ उन्होंने धमकी देते हुए कहा, ‘‘वे (ब्रिक्स देश) कोई दूसरा मूर्ख देश ढूंढ़ सकते हैं। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा।

ब्रिक्स में ये देश हैं शामिल

हालांकि जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे शुल्क को नमस्ते और अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।’’ ट्रंप ने ब्रिक्स सदस्य देशों द्वारा अपनी मुद्रा जारी करने के किसी भी कदम की बार-बार आलोचना की है और यह अब तक का उनका सबसे कड़ा विरोध है। दिसंबर में भी ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को इस तरह के कदम के खिलाफ चेतावनी दी थी। ब्रिक्स दस देशों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात का एक अंतर-सरकारी संगठन है।

2009 में गठित ब्रिक्स एकमात्र प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूह है जिसका अमेरिका हिस्सा नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में इसके कुछ सदस्य देश विशेष रूप से रूस और चीन अमेरिकी डॉलर का विकल्प या ब्रिक्स मुद्रा बनाने की मांग कर रहे हैं। ब्रिक्स के एक महत्वपूर्ण स्तंभ भारत ने कहा है कि वह ‘डी-डॉलराइजेशन’ (विश्व व्यापार और वित्तीय लेनदेन में डॉलर के उपयोग में उल्लेखनीय कमी) के खिलाफ है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने दिसंबर में कहा था कि भारत कभी भी ‘डी-डॉलराइजेशन’ के पक्ष में नहीं रहा है और ब्रिक्स मुद्रा बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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