वाशिंगटनः अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी मुद्रा के इस्तेमाल का विचार करने वाले ब्रिक्स देशों को बड़ी चेतावनी दे डाली है। ट्रंप ने ब्रिक्स देशों से वादा करने को कहा कि वो कहें कि वे ऐसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स देश ऐसा करेंगे तो वह न सोचें कि अमेरिकी यह सब मूकदर्शक बनकर देखता रहेगा। ट्रंप ने कहा वह दौर अब समाप्त हो चुका है कि ऐसे फैसलों पर अमेरिका चुप रहेगा। ट्रंप ने कहा, “हम चाहते हैं कि वे देश वादा करें कि वे न तो नयी ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी बाजारों में अपना सामान बेचने की उम्मीद छोड़ देनी होगी।
बता दें कि ब्रिक्स में भारत, रूस, चीन और ब्राजील समेत नौ देशों शामिल हैं। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अभी इसमें करीब 30 अन्य देशों को भविष्य में शामिल करने का दावा किया है। हाल ही में ब्राजील में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पुतिन ने ही ब्रिक्स देशों को डॉलर की बजाय अपनी मुद्रा में व्यापार करने का सुझाव दिया था। इसके बाद से अमेरिका परेशान हो उठा है। ट्रंप ने समूह ब्रिक्स से यह वादा करने को कहा कि वे ऐसा नहीं करेंगे। बता दें साल 2009 में स्थापित ब्रिक्स एकमात्र बड़ा अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें अमेरिका शामिल नहीं है।
कई अन्य देश भी बन चुके हैं ब्रिक्स के सदस्य
ब्रिक्स के 9 स्थाई सदस्यों के अलावा कई अन्य देश भी अब ब्रिक्स के सदस्य बन चुके हैं। इनमें दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथोपिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं। बीते कुछ वर्षों में ब्रिक्स देश, विशेष रूप से रूस और चीन, अमेरिकी डॉलर के विकल्प के तौर पर ब्रिक्स की अपनी मुद्रा लाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि भारत अभी तक ऐसे किसी कदम में शामिल नहीं रहा है। ट्रंप ने शनिवार को ब्रिक्स देशों को ऐसे किसी भी कदम को लेकर आगाह किया।
ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश करें और हम मूकदर्शक बनकर देखते रहें, वह दौर अब समाप्त हो चुका है।” उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि वे देश वादा करें कि वे न तो नयी ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी बाजारों में अपना सामान बेचने की उम्मीद छोड़ देनी होगी। (भाषा)