वाशिंगटनः अमेरिका में आगामी 4 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जोरदार बहस शुक्रवार को हुई। ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बहस और शुक्रवार को एक रैली के दौरान दावा किया कि प्रवासी अमेरिका में अश्वेतों और लातिन अमेरिकियों की नौकरियां छीन रहे हैं। मगर प्रवासियों को टारगेट करके की गई टह टिप्पणी ट्रंप को ही उल्टा पड़ गई। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान की उनके आलोचकों ने कड़ी निंदा की और कहा कि वोट बैंक का दायरा बढ़ाने की उनकी यह नस्लवादी और अपमानजनक कोशिश है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव की प्रक्रिया के तहत ट्रंप और बाइडन के बीच बृहस्पतिवार को करीब 90 मिनट तक जोरदार बहस हुई थी।
ट्रंप ने कोई सबूत पेश किए बिना कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता चाहते हैं कि मतदाता के रूप में प्रवासी अमेरिकियों की जगह ले लें। उन्होंने ‘सीएनएन’ पर प्रसारित बहस में कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि वह (बाइडन) अश्वेत लोगों पर सबसे बड़ा प्रहार उन लाखों लोगों के जरिए कर रहे हैं जिन्हें उन्होंने सीमा पार से आने की अनुमति दी है। वे अब अश्वेतों की नौकरियां ले रहे हैं। वे लातिन अमेरिकियों की नौकरियां ले रहे हैं। आपको अभी यह समझ नहीं हा रहा लेकिन आप हमारे इतिहास की सबसे खराब चीज होती देखेंगे।’’ ट्रंप और उनके सहयोगियों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी बाइडेन के कामकाज से असंतुष्ट अश्वेतों और लातिन अमेरिकी समुदाय तक पूर्व राष्ट्रपति की पहुंच बढ़ाएगी।
ट्रंप ने की वर्जीनिया में बड़ी रैली
ट्रंप ने शुक्रवार को वर्जीनिया में एक रैली के दौरान फिर से ये टिप्पणियां कीं। डेमोक्रेटिक पार्टी और अश्वेत नेताओं ने ट्रंप के इस बयान की निंदा की। ‘नेशनल असोसियेशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ कलर्ड पीपल’ के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेरिक जॉनसन ने कहा, ‘‘अश्वेतों के लिए नौकरी जैसी कोई चीज नहीं होती। यह गलत जानकारी अश्वेत प्रतिभा की सर्वव्यापकता को नकारती है। हम चिकित्सक, वकील, शिक्षक, पुलिस अधिकारी और अग्निशमन कर्मी हैं। यह सूची बहुत लंबी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चिंताजनक है कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार ऐसा भेद पैदा करने की कोशिश कर रहा है जो मौजूद नहीं है, हालांकि ट्रंप का इस तरह की विभाजनकारी बात करना आश्चर्यजनक नहीं है। (एपी)
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