Pakistan News: पाकिस्तान द्वारा हाल ही में अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में एयर स्ट्राइक की गई थी, इसके बाद से ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तल्खी बढ़ गई है। पाकिस्तान की इस फजीहत में उसे पुराने दोस्त अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिका में बाइडेन प्रशासन के एक अधिकारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में लगातार आतंकी गतिविधियां हो रही हैं।
इस वजह से पाकिस्तान आतंकवाद के भयानक खतरे से जूझ रहा है। अमेरिका भले ही पाकिस्तान का आतंकवाद के विरोध में साथ खड़ा हो, लेकिन यह सच है कि पाकिस्तान ही आतंकियों की पनाहगाह है और पाकिस्तान ने ही आतंकवाद को पाला पोसा है और अब खुद ही उनके जाल में घिर रहा है। दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने सदन की विदेश मामलों की समिति के सदस्यों के सामने कहा कि पिछले 40 वर्षों से अफगानिस्तान में संघर्ष चल रहा है। पड़ोसी देश में चल रहे इस संघर्ष में पाकिस्तान बुरी तरह से फंस गया है।
जानिए क्या बोले सचिव डोनाल्ड लू?
डोनाल्ड लू ने कहा, 'मौजूदा समय में हमें पाकिस्तानी लोगों का समर्थन करना है, क्योंकि मौजूदा समय में वह आतंकवाद के भयानक खतरे से जूझ रहे हैं. हमारे कई सदस्यों ने इस मुद्दे पर चर्चा की है. यह ऐसा देश है जहां लोग आतंकवाद का लंबे समय से सामना कर रहे हैं।' लू ने आगे कहा, 'पिछले 3 वर्षों में आतकंवादियों की ओर से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में हमले काफी बढ़े हैं। यह हमले अफगानिस्तान की तरफ से हो रहे हैं।'
टीटीपी के आतंक से परेशान है पाकिस्तान
यही नहीं, पाकिस्तान टीटीपी के आतंक से परेशान है। अपने देश में आतंकियों को पालने वाला पाकिस्तान अब खुद आतंकवाद का शिकार हो गया है। हाल के समय में टीटीपी आतंकियों ने पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है। जिन तालिबानियों को पाक ने पनाह दी, वे ही अब सिर उठाने लगे हैं और पाकिस्तान में हिंसा फैला रहे हैं। पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर बलूच उग्रवादियों के हमले की निंदा चीन ने भी की है। चीन ने कहा कि बीजिंग आतंकवाद से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा के इस्लामाबाद के प्रयासों का समर्थन करता है।