US Visa Fees Hike: अमेरिका जाने की तैयारी कर रहे हैं तो एक बार नजर अपनी जेब पर भी डाल लें। अमेरिका जाना अब पहले की तुलना में अधिक महंगा होने वाला है। अमेरिका जाने में कई प्रकार के वीजा का प्रावधान है लेकिन इस बार जो फीस बढ़ रही है, वो खासकर H-1B, L-1 और EB-5 वीजा पर लागू होगी। ये सभी गैर-आप्रवासी वीजा कैटेगरी में आते हैं। H-1B विदेशी प्रतिभाओं को अमेरिकी कंपनियों में काम करने की अनुमति देता है। वहीं, L-1 कंपनी के अंदर ही देश बदलकर ट्रांसफर होने वाले कर्मचारियों के लिए होता है। EB-5 इन्वेस्टमेंट के जरिए अमेरिका में रहने का रास्ता देता है। अमेरिका आने वाले भारतीयों में ज्यादातर लोग H-1B, L-1 और EB-5 वीजा का ही सहारा लेते हैं। ऐसे में अब अमेरिका जाना महंगा हो जाएगा।
H-1B वीजा
अगर आप H-1B वीजा के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, तो इसके लिए फॉर्म I-129 लगता है। इसकी मौजूदा फीस 460 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹38,000) है, जो बढ़कर 780 अमेरिकी डॉलर (₹64,000 से ज्यादा) हो जाएगी। इसके अलावा, H-1B रजिस्ट्रेशन फीस भी बढ़ने वाली है। अभी ये $10 (लगभग ₹829) है, जो अगले वित्तीय वर्ष से $215 (लगभग ₹17,000) हो जाएगी।
L-1 वीजा
H-1B वीजा के बाद अब अब बात L-1 वीजा की करते गैं। ये भी गैर-आप्रवासी वीजा कैटेगरी में आता है। इसका इस्तेमाल कंपनियां अपने कर्मचारियों को दूसरे देशों के ऑफिस से अस्थायी रूप से अमेरिका ट्रांसफर करने के लिए करती हैं। अभी इसकी फीस 460 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹38,000) है, जो 1 अप्रैल से बढ़कर 1385 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹1,10,000) हो जाएगी। यानी तीन गुना से भी ज्यादा का इजाफा।
EB-5 वीजा
EB-5 वीजा को निवेशक वीजा शुल्क के रूप में भी जाना जाता है। मौजूदा समय में EB-5 के लिए 3,675 यूएस डॉलर (करीब ₹3,00,000) का भुगतान करना पड़ता है। 1 अप्रैल से यह बढ़कर 11,160 यूएस डॉलर (करीब ₹9,00,000) हो जाएगा। EB-5 वीजा को 990 में मेरिकी सरकार की ओर से शुरू किया गया था। इस नियम के तहत किसी भी देश का शख्स अमेरिकी व्यवसाय में कम से कम 5 लाख यूएस डॉलर का निवेश करते हुए अपने साथ-साथ अपने परिवार के लिए वहां का वीजा हासिल कर सकता है। वीजा फीस बढ़ोतरी करीब आठ साल बाद की जा रही है।
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