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कुर्सी पर बैठी रही ये भारतीय महिला और सामने घंटों कठघरे में खड़े रहे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, जानें मामला

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के प्रयास करने संबंधी आरोपों के चलते संघीय अदालत में पेश हुए। वहां उनका सामने भारतवंशी महिला और संघीय अदालत की न्यायाधीश मोक्सिला उपाध्याय से हुआ। उपाध्याय के सामने ट्रंप को घंटों कठघरे में खड़े रहना पड़ा।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: August 04, 2023 20:45 IST
डोनॉल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति।- India TV Hindi
Image Source : AP डोनॉल्ड ट्रंप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति।

दुनिया का सबसे ताकतर देश अमेरिका और उसके पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने कभी सपने में भी नहीं सोचा रहा होगा कि एक वक्त ऐसा भी उनके जीवन में आएगा जब उन्हें किसी भारतीय महिला के सामने कठघरे में खड़ा होना पड़ेगा। अमेरिका में भारतवंशी मोक्सिला उपाध्याय न्यायाधीश हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़े मामले में संघीय अदालत में सुनवाई कर रही हैं। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान ट्रंप मोक्सिला उपाध्याय के सामने पेश हुए। ट्रंप अदालत में 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के प्रयास करने संबंधी आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर चुके हैं। अगले साल राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी हासिल करने के लिए अपनी दावेदारी जता रहे ट्रंप बृहस्पतिवार को संघीय अदालत में पेश हुए। उन्होंने भारतीय मूल की अमेरिकी न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मोक्सिला उपाध्याय की अदालत में ‘जुर्म स्वीकार नहीं करने संबंधी याचिका दाखिल की है।

उपाध्याय वाशिंगटन में ई बैरेट प्रिटीमैन फेडरल कोर्टहाउस में छह जनवरी 2021 की हिंसा से जुड़े मामले के कई प्रतिवादियों के मुकदमे की सुनवाई कर रही हैं। उपाध्याय को सात सितंबर, 2022 को मजिस्ट्रेट जज के रूप में नियुक्त किया गया था। गुजरात में जन्मीं और कंसास सिटी, मिसौरी के पास पली-बढ़ीं, उपाध्याय ने मिसौरी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म और मिसौरी विश्वविद्यालय से लैटिन में ऑनर्स के साथ बैचलर ऑफ आर्ट्स की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन कॉलेज ऑफ लॉ से जूरिश डॉक्टर (जेडी) की डिग्री प्राप्त की।

मोक्सिला ऐसे बनीं जज

लॉ स्कूल से स्नातक होने के बाद उपाध्याय ने डीसी कोर्ट ऑफ अपील्स के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एरिक टी वाशिंगटन की कानून क्लर्क के रूप में दो साल का कार्यकाल पूरा किया। इसके बाद वह वेनेबल एलएलपी के वाशिंगटन, डीसी कार्यालय में शामिल हो गईं, जहां उन्होंने जटिल वाणिज्यिक और प्रशासनिक वाद में ख्याति अर्जित की। जज विल्किंस के साथ अपनी क्लर्कशिप के बाद उपाध्याय वेनेबल में फिर से शामिल हो गईं और बेंच में अपनी नियुक्ति तक वकालत जारी रखी। बाद में, मिड-अटलांटिक इनोसेंस प्रोजेक्ट ने जज उपाध्याय को 2009 में ‘डिफेंडर ऑफ इनोसेंस अवार्ड’ से सम्मानित किया और वेनेबल ने उन्हें 2006 में ‘प्रो बोनो लॉयर ऑफ द ईयर’ नामित किया। 2021-22 से, न्यायाधीश उपाध्याय को इस अदालत की शिकायत समिति में सेवा देने के लिए नियुक्त किया गया था। वह डीसी बार लिटिगेशन सेक्शन स्टीयरिंग कमेटी की पूर्व सह-अध्यक्ष हैं और उन्होंने डीसी एक्सेस टू जस्टिस फाउंडेशन और काउंसिल फॉर कोर्ट एक्सीलेंस के निदेशक मंडल में काम किया है। वह अमेरिकन बार फाउंडेशन की फेलो भी हैं।  (भाषा)

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