कुछ घोटालेबाज ऐसे हैं कि वह सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी भारत का नाम खराब कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला अमेरिका में सामने आया है, जहां भारतीय मूल के एक व्यक्ति को करोड़ों मिलियन डॉलर का घोटाला करने के जुर्म में कड़ी सजा सुनाई गई है। अमेरिका के जॉर्जिया में 46.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुवांशिक परीक्षण घोटाले में शामिल होने के मामले में भारतीय मूल के लैब मालिक को 27 साल जेल की सजा सुनाई गई है। 'लैबसॉल्यूशंस एलएलसी' के मालिक मीनल पटेल पर आनुवांशिक और अन्य प्रयोगशाला जांच के जरिये (जिनकी मरीजों को जरूरत नहीं थी) रिश्वत और घूस देकर 46.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की राशि प्राप्त करने का आरोप है।
न्याय विभाग ने शुक्रवार को कहा कि 44 वर्षीय व्यक्ति ने टेलीमार्केटिंग कॉल के जरिए ‘मेडिकेयर’ लाभार्थियों को निशाना बनाने के लिए मरीजों के दलालों, टेलीमेडिसिन कंपनियों और कॉल सेंटरों के साथ साजिश रची, जिसमें झूठा दावा किया गया कि उनके पैकेज में महंगे कैंसर आनुवंशिक परीक्षण शामिल हैं। विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि ‘मेडिकेयर’ लाभार्थियों द्वारा परीक्षण कराने के लिए सहमत होने के बाद पटेल ने टेलीमेडिसिन कंपनियों से परीक्षणों को अधिकृत करने वाले चिकित्सकों के हस्ताक्षरित आदेश प्राप्त करने के लिए मरीजों के दलालों को रिश्वत का भुगतान किया।
एफबीआई ने कही ये बात
आरोप है कि भारतीय मूल के व्यक्ति पटेल ने रिश्वत को छिपाने के लिए मरीज के दलालों से अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, जिसमें गलत तरीके से कहा गया था कि वे लैब सॉल्यूशंस के लिए वैध विज्ञापन सेवाएं दे रहे थे। एफबीआई मियामी फील्ड ऑफिस के प्रभारी विशेष एजेंट जेफरी बी.वेल्ट्री ने कहा, "जरूरतमंद मरीजों के लिए वैध आनुवंशिक परीक्षण और टेलीमेडिसिन सेवाओं के प्रावधान में धोखे और रिश्वत का कोई स्थान नहीं है।’’ उन्होंने कहा, "पटेल ने एक जटिल परीक्षण धोखाधड़ी योजना के माध्यम से मेडिकेयर से करोड़ों डॉलर की हेराफेरी की। वह अब इस अपराध की कीमत चुका रहा है।’’ प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस मामले में संपत्ति जब्त करने पर सुनवाई 25 अगस्त को होगी। (भाषा)
यह भी पढ़ें
नेपाल अगले 10 साल में भारत को देगा इतने हजार मेगावट बिजली, पीएम प्रचंड के ऐलान से चीन को लगा करंट