This Asteroid Passed Close to The Earth: नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार गुरुवार को एक विशाल आकार का क्षुद्र ग्रह पृथ्वी के काफी करीब से गुजरा। इसे दूरबीन के जरिये देखा गया। इस ग्रह के धरती से टक्कर की आशंका जाहिर की जा रही थी। हालांकि यह काफी करीब से गुजर गया और टक्कर से बच गया, लेकिन इस दौरान दोनों ग्रहों के समीप आने से पैदा हुई ऊष्मा से क्षुद्र ग्रह के काफी भाग के जलकर टूट जाने की आशंका व्यक्त की गई है। माना जा रहा है कि क्षुद्र ग्रह से टूटे उसके हिस्से पृथ्वी पर गिर सकते हैं। यह टुकड़े काफी तेजी से धरती की ओर बढ़ रहे हैं। इससे खतरे की आशंका बरकरार है। जिस स्थान पर ये गिरेंगे वहां भारी नुकसान हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिक इन टुकड़ों को हवा में ही राख कर देने के लिए प्रयासरत हैं।
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार यह क्षुद्र ग्रह हाईपरसोनिक सुपर बैलिस्टिक मिसाइल की गति से पृथ्वी के करीब से गुजर रहा था। अगर धरती से इसकी टक्कर हो जाती तो भूचाल आ सकता था। मगर बड़ा हादसा होते टल गया। नासा के वैज्ञानिकों का दावा है कि अमेरिका के दक्षिणी क्षोर से इसकी दूरी सिर्फ 3600 किलोमीटर रह गई थी। जो कि काफी कम है। ग्रह की स्पीड 25682 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई जा रही है। ऐसे में यह 3600 किलोमीटर की शेष दूरी भी सेकेंडों में तय कर सकता था, लेकिन गनीमत रही कि इतना गैप रह गया, जिससे क्षुद्र ग्रह धरती से टकराए बिना आगे निकल गया। इस क्षुद्र ग्रह की हाईपरसोनिक मिसाइल जैसी स्पीड देखकर वैज्ञानिक भी हैरान रह गए हैं।
पृथ्वी के लिए बेहद खतरनाक था यह क्षुद्र ग्रह
यह क्षुद्र ग्रह पृथ्वी के लिए बेहद खतरनाक था। इसे एस्टेराइड भी कहा जाता है। यह ग्रह गत 11 जनवरी को करीब 30 लाख मिलियन किमी दूरी से होकर गुजरा था। तब भी इसे दूरबीन से देखा गया था। इस क्षुद्र ग्रह को वैज्ञानिकों ने बीयू 2023 नाम दिया है। वैज्ञानिकों के अनुसार नासा ने हाल ही में क्षुद्र ग्रहों से धरती को टकराने से बचाने वाली तकनीकि की खोज कर ली है। नासा के विशेष विमान की टक्कर से क्षुद्र ग्रहों की दिशा को परिवर्तित करके टक्कर को रोका जा सकता है। ऐसे बहुत से क्षुद्र ग्रह हैं, जिनकी धरती से टक्कर की आशंका बनी हुई है। समय रहते यदि क्षुद्र ग्रहों के बारे में जानकारी मिल जाए तो वैज्ञानिक इसकी दिशा बदल सकते हैं। अभी सितंबर-अक्टूबर माह में नासा ने दो क्षुद्र ग्रहों की दिशा मोड़कर बड़ी कामयाबी हासिल की थी। यह दोनों स्टेराइड तेजी से धरती की ओर आ रहे थे।