America on India: अमेरिका ने रूस से अपील की है कि वह एक साल से भी अधिक समय से चले आ रहे रूस यूक्रेन जंग को रोके। वहीं भारत से भी अमेरिका कई बार आग्रह कर चुका है कि वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन से कहे कि इस जंग को वह रोकें। लेकिन इसके बावजूद बाइडन प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि इस जंग से भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है।
‘कमजोर नहीं, बल्कि और मजबूत हुए हैं भारत-अमेरिका के रिश्ते‘
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने गुरुवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को तोड़ने के बजाय सही मायनों में मजबूत किया है। उन्होंने आगे कहा कि यह सच है कि हमने हमेशा यूक्रेन में रूस के युद्ध के लिए समान दृष्टिकोण साझा नहीं किया है। लेकिन हम इस बात को साझा करते हैं कि यह युद्ध जल्द से जल्द समाप्त होना चाहिए।
जंग के बीच बातचीत ही एकमात्र विकल्पः अमेरिका
डोनाल्ड लू ने कहा कि रूस के साथ भारत के लंबे समय से संबंध हैं। इसलिए भारत से आग्रह है कि वह व्लादिमीर पुतिन से अपने युद्ध को समाप्त करने और यूक्रेनी क्षेत्र से हटने पर बात करें। उन्होंने आगे कहा कि हम भारत से सहमत हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान बातचीत से निकाला जा सकता है।
पीएम मोदी की टिप्पणियां अहम
डोनाल्ड लू ने कहा कि ‘भारत ने यूक्रेन में मानवीय सहायता प्रदान की है। इसका हम स्वागत करते हैं। साथ ही बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में वार्ता और कूटनीति के आह्वान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के पहले दिनों से भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच निरंतर बातचीत हुई है। यह सहयोग जारी रहेगा। हमें उम्मीद है कि भारत इस युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के साथ अपने संबंधों और अपने प्रभाव का उपयोग कर सकता है।‘