Monday, November 25, 2024
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सिगार जैसी दिखती है लापता पनडुब्बी, कितनी बड़ी, क्या हैं फीचर्स, जानिए इस सबमरीन के बारे में

महज चंद घंटों की ऑक्सीजन ही पनडुब्बी में शेष रह गई है। इसलिए पूरी दुनिया सर्च में लगी है। एक एक सेकंड काफी अहम है। 300 मील के इलाके में सबमरीन की खोज की जा रही है। जानिए इस पनडुब्बी की बनावट और इसकी खासियत के बारे में।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: June 22, 2023 13:47 IST
सिगार जैसी दिखती है लापता पनडुब्बी, कितनी बड़ी, क्या हैं फीचर्स, जानिए इस सबमरीन के बारे  में- India TV Hindi
Image Source : AP FILE सिगार जैसी दिखती है लापता पनडुब्बी, कितनी बड़ी, क्या हैं फीचर्स, जानिए इस सबमरीन के बारे में

Submarine Missing: अटलांटिक महासागर में लापता टाइटन सबमर्सिबल में ​अब चंद घंटों  की ऑक्सीजन बची हुई है। आइए जानते हैं कि 80 घंटे तक अंदर फंसे रहे 5 यात्रियों के लिए यह समय कैसा रहा होगा? दरअसल इस लापता सबमरीन के अंदर कोई खिड़की नहीं है। कोई सीट नहीं है। सिर्फ एक शौचालय बना हुआ है। ऐसा लगता है जैस मानो कोई सिगार जैसी ट्यूब में बैठा हुआ है। 

लगभग चार दिनों से लापता 22 फीट लंबी सबमरीन पर सवार यात्रियों पर अंदर क्या बीत रही होगी, यह सोच कर भी मन सिहर उठता है। करीब चार दिनों से भोजन या पानी न मिलने के बाद अब यात्रियों के पास ऑक्सीजन की कमी होने लगी है। जब यह सबमरीन टाइटैनिक का मलबा दिखाने ले गई थी, तो यह पूरा दौरा केवल 8 घंटे का था। लेकिन अब तो 80 घंटे से भी ज्यादा समय हो गया है। इसे खोजने के लिए कई देश जुटे हुए हैं। इन पांच यात्रियों के सुरक्षित लौटने के लिए दुनिया प्रार्थना कर रही है। जानते हैं इस पनडुब्बी के बारे में। 

टॉयलेट और इलेक्ट्रॉनिक थ्रस्टर्स भी मौजूद

  • इस पनडुब्बी के अगले हिस्से में 380 एमएम का एक्रेलिक व्यूपोर्ट लगा हुआ है। इसके अलावा टाइटन पनडुब्बी के आगे के ऊपरी हिस्से में कैमरे भी लगाए गए हैं। ये कैमरे पनडुब्बी के अंदर बैठे लोगों को शानदार व्यू मुहैया कराते हैं।
  • टाइटन पनडुब्बी के अगले हिस्से में एक टॉयलेट भी होता है, जिसमें प्राइवेसी के लिए दरवाजे की जगह पर्दा लगा हुआ है। इसमें चार इलेक्ट्रिक थ्रस्टर्स लगे हुए हैं, जिनमें दो वर्टिकल और हॉरिजेंटल हैं। ये थ्रस्टर्स पनडुब्बी को आगे-पीछे और ऊपर-नीचे जाने में मदद करते हैं।
  • इस पनडुब्बी के पीछे के हिस्से में ऑक्सीजन टैंक और इलक्ट्रॉनिक्स उपकरण लगे हुए हैं। बड़ी बात यह है कि इस पनडुब्बी को चलाने के लिए पायलट एक गेम कंट्रोलर का इस्तेमाल करता है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, सबसे भले ही यह पनडुब्बी लापता हो गई है, लेकिन इसमें कुछ ऐसे सुरक्षा तंत्र लगाए गए हैं, जो आपात स्थिति में इसे सतह पर ले जाने के लिए डिजाइन किए गए हैं, भले ही इसमें सवार लोग बेहोश हों। हालांकि फिर भी अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है।

22 फीट लंबी, 9 फीट चौड़ी, जानें बैठने के लिए कितनी कम्फर्टेबल 

22 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी इस पनडुब्बी में जो कक्ष  है, वो 8 फीट का है। इसमें सभी 5 यात्री अंदर बैठे हैं। क्योंकि जितनी स्पेस है उस हिसाब से एकसाथ सटकर बैठना पड़ता है। ऐसे में 4 दिन बीत जाने पर इन यात्रियों की क्या हालत हो गई होगी। आमतौर पर सतह से टाइटैनिक तक उतरने में 3 घंटे लगते हैं। इस दौरान रोशनी कम कर दी जाती है और यात्री एक बरामदे के माध्यम से पानी के नीचे की गतिविधि देख सकते हैं।

सबमरीन में कोई खिड़की नहीं

'सबमर्सिबल' के अंदर कोई खिड़कियां नहीं हैं, जिससे हर 15 मिनट में एक सुरक्षा पिंग उत्सर्जित होने की उम्मीद होती है। इसकी निगरानी ऊपर से वॉच कर रहे दल द्वारा की जाती है। जहाज और सतह चालक दल लघु पाठ संदेशों के माध्यम से भी संवाद कर सकते हैं। जहाज में ऑन-बोर्ड नेविगेशन प्रणाली का अभाव है।

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