Piyush Goyal's US Visit: भारतीय बाजारों में पिछले कुछ वर्षों के दौरान चीन की चमक कम हुई है। अब चीनी कंपनियों का दौर भी यहां खत्म हो सकता है। भारत में विभिन्न तरह के उत्पाद बनाने वाली मल्टीनेशनल चीनी कंपनियां काम कर रही हैं। मगर भारत और चीन के तल्ख होते रिश्तों का असर अब दोनों देशों के व्यापार पर भी पड़ा है। इसलिए भारत अमेरिका को नए निवेशक के तौर पर रिझा रहा है। इसके लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका को भारत में बड़े निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सोमवार को अमेरिका की कई अग्रणी वैश्विक कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और उद्योग हितधारकों के साथ मुलाकात की है।
केंद्रीय मंत्री ने भारत में निवेश की व्यापक संभावनाओं और अमेरिका के साथ व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर आए गोयल ने निवेश एवं वित्तीय क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ कई बैठकें कीं। इनमें टिकाऊ भवन समाधान मुहैया कराने वाली कंपनी जॉनसन कंट्रोल्स के चेयरमैन एवं सीईओ जॉर्ज ओलीवर, निवेश प्रबंधन कंपनी ब्लैकस्टोन के चेयरमैन एवं सीईओ स्टीफन श्वार्जमान, मास्टरकार्ड के सीईओ माइकल मीबाक और निवेश फर्म कोल्बर्ग क्रेविस रॉबर्ट्स एंड कंपनी के सह-संस्थापक हेनरी क्रेविस शामिल हैं।
भारत में निवेश करेंगी अमेरिकी कंपनियां
अमेरिकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकातों के बाद गोयल ने अपने कई ट्वीट्स में बताया कि इन दिग्गज कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ उन्होंने भारत में निवेश की संभावनाओं को लेकर चर्चा की। इस दौरान कारोबार के नए क्षेत्रों की पहचान पर भी जोर दिया गया। बाद में गोयल ने अमेरिकी शेयर बाजार नैसडेक में अमेरिका-भारत कारोबार परिषद की तरफ से आयोजित एक गोलमेज बैठक में भी हिस्सा लिया। इस मौके पर गोयल ने भारत के शानदार आर्थिक कायाकल्प एवं व्यापक संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा, "भारत और अमेरिका के मजबूत होते आर्थिक संबंध और बढ़ते निवेश से हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को नयी गतिशीलता मिल रही है।" इसके पहले गोयल ने उद्योग जगत, थिंक टैंक और अकादमिक जगत के प्रतिनिधियों के एक गोलमेज सम्मेलन को भी संबोधित किया।
गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि इसमें एक भरोसेमंद निवेश गंतव्य के तौर पर भारत की भूमिका और जी20 की अध्यक्षता जैसे कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। गोयल ने न्यूयॉर्क में स्थित टाटा इनोवेशन सेंटर का भी दौरा किया जहां पर अकादमिक एवं शोध टीमें काम करती हैं और वहां पर कई प्रौद्योगिकी कंपनियों, स्टार्टअप एवं उद्यम पूंजी फर्मों के कार्यालय मौजूद हैं।