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आतंकवादियों को ‘बुरे या अच्छे’ की कैटेगरी में बांटने का युग खत्म होना चाहिए, UNSC में बोला भारत

आतंकवाद से निपटने के उपायों पर 14 और 15 दिसंबर को दो अहम कार्यक्रम आयोजित करेगा जिसकी अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published : Dec 11, 2022 14:21 IST, Updated : Dec 11, 2022 14:25 IST
 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
Image Source : TWITTER संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि आतंकवादियों को ‘‘राजनीतिक सुविधा’’ के आधार पर ‘‘बुरे’’ या ‘‘अच्छे’’ के तौर पर वर्गीकृत करने का युग तत्काल खत्म होना चाहिए। इसने एक संकल्पना पत्र जारी करते हुए कहा कि आतंकवादी कृत्यों को धार्मिक या वैचारिक रूप में वर्गीकृत करने से आतंकवाद से लड़ने की साझा वैश्विक प्रतिबद्धता कम हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष के तौर पर भारत बहुपक्षवाद में सुधार और आतंकवाद से निपटने के उपायों पर 14 और 15 दिसंबर को दो अहम कार्यक्रम आयोजित करेगा जिसकी अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे।

कई जगहों पर हमले हुए 

बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने महासचिव एंतोनियो गुतारेस को एक पत्र लिखकर कहा कि विषय पर चर्चा के लिए एक संकल्पना पत्र सुरक्षा परिषद के दस्तावेज के रूप में प्रसारित किया जाए। पिछले सप्ताह लिखे गए संकल्पना पत्र में कहा गया है, ‘‘न्यूयॉर्क में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले ने आतंकवाद से निपटने में वैश्विक रुख बदल दिया। इसके बाद से लंदन, मुंबई, पेरिस, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के कई हिस्सों में आतंकवादी हमले हुए।’’

आतंकवाद का गंभीर खतरा दिखाते हैं हमले

इसमें कहा गया है कि ये हमले दिखाते हैं कि आतंकवाद का खतरा गंभीर और सार्वभौमिक है तथा दुनिया के एक हिस्से में आतंकवाद का विश्व के अन्य हिस्सों में शांति और सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ता है। पत्र में कहा गया है, ‘‘आतंकवाद का खतरा अंतरराष्ट्रीय है। आतंकवादी तत्व और उनके समर्थक तथा वित्त पोषक अलग-अलग क्षेत्रों में रहते हुए दुनिया में कहीं भी अपने कृत्यों को अंजाम देने के लिए गठजोड़ करते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के सामूहिक प्रयासों से ही अंतरराष्ट्रीय खतरे से निपटा जा सकता है।’’ भारत ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद की समस्या को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जा सकता और आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक हैं।

आतंकवादी समूहों की ओर से खतरा 
इसने कहा, ‘‘सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की जानी चाहिए। किसी भी आतंकवादी कृत्य के लिए कोई अपवाद या उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। आतंकवादियों को राजनीतिक सुविधा के आधार पर ‘‘बुरा’’, ‘‘उतना भी बुरा नहीं’’ या ‘‘अच्छे’’ के तौर पर वर्गीकृत करने का युग फौरन खत्म होना चाहिए।’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘इराक में इस्लामिक स्टेट तथा भारतीय उपमहाद्वीप में लेवंत-खोरासन, अल-कायदा, भारतीय महाद्वीप में अल-कायदा तथा अफगानिस्तान में पनाह लेने वाले आतंकवादी समूहों की ओर से खतरा अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा जमाने के बाद बढ़ गया है।’’

तटीय क्षेत्र में यह खतरा लगातार बढ़ रहा 
इसमें कहा गया है, ‘‘इन आतंकवादी समूहों के लिए हथियारों, मादक पदार्थ, मानव और वित्त की तस्करी करने वाले समुद्री लुटेरों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों ने इस आतंकी खतरे को और जटिल बना दिया है। पश्चिमी अफ्रीका के तटीय क्षेत्र में यह खतरा लगातार बढ़ रहा है।’’ भारत ने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ बढ़ाने और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए आतंकवाद के वित्तपोषण का खतरा खासतौर से कोरोना वायरस महामारी के दौरान बढ़ गया है।

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