Highlights
- अपना पहला टैटू 18 साल की उम्र में बनवाया था
- खुद का नाम 'द डेविल ऑफ लंदन' रखा है
- आंखों के ऊपर टैटू बनवाया है
'The Devil of London': लंदन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो लंदन की सड़कों पर नाइट सुपरवाइजर का काम करता है। लेकिन इस शख्स को देखकर हर कोई डर जाता है। इस शख्स का नाम मटिया मुरेटर है। उसका लुक ऐसा है कि लोग उसे 'द डेविल ऑफ लंदन' के नाम से पूकारते हैं। मटिया के सिर पर पांच इंच लंबे सींग हैं और सिर पर एक डरावना लूसिफ़ेर टैटू है। उसके नाक पर हॉर्न लगे हैं। बॉडी पियर्सिंग से मटिया ने लोगों को डराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हालांकि उसका कहना है कि वह सिर्फ एक साधारण व्यक्ति हैं। हमें लोग शायद इस लुक के कारण से अलग समझते हैं।
शैतान की फैन है मटिया
डेली स्टार को दिए खास इंटरव्यू में मटिया ने बताया है कि उन्होंने खुद का नाम 'द डेविल ऑफ लंदन' रखा है। मटिया इटली की रहने वाले हैं और फिलहाल लंदन में रहते हैं। बस के गैरेज में काम करने वाली मटिया बचपन से ही अपना लुक बदलने की कोशिश करती रही हैं। 27 साल की मटिया हमेशा से शैतान की उपासक रहे हैं और उनकी आंखों का टैटू इस बात को साबित करता है। उन्होंने जीभ पर पियर्सिंग भी करवा रखी है। आंखों के ऊपर टैटू बनवाया है। उन्होंने अपने माथे पर लूसिफर का टैटू बनवाया है जो काफी विवादास्पद माना जाता है। इस टैटू के कारण उन्हें शैतान का उपासक कहा जाने लगा। हालांकि उन्होंने हर बार इसका खंडन किया। मटिया ने कहा कि यह टैटू आध्यात्मिक रूप से अनुकूल है और सब कुछ अध्यात्म से जुड़ा है। मटिया ने जो फोटोज शेयर की हैं उससे साफ हो जाता है कि वह नॉर्मल लुक में कैसे दिख रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैं भी हर सामान्य इतालवी लड़के की तरह दिखता था। लेकिन मैं वह लड़का नहीं हूं जिसे समाज के लोग प्यार करते हैं।
18 साल में पहला टैटू
उन्होंने कहा कि जब वह खुद पुरानी तस्वीरें देखते हैं तो हैरान हो जाते हैं कि वह ऐसे दिखते थे। उनका कहना है कि उनका अपने पिछले जीवन से कोई लेना-देना नहीं है और वह जल्द ही कुछ नया करने जा रहे हैं। वह 30 साल के होने से पहले अपने पूरे शरीर को इस तरह ढंकना चाहता है। मटिया के शरीर पर इस समय इतने टैटू हैं कि गिनना बहुत मुश्किल है। उन्होंने अपना पहला टैटू 18 साल की उम्र में बनवाया था।
अमेरिका के ये पंथ करता है शैतानों की पूजा
सांइटोलॉजी पंथ जो सभी धर्मों से पूरी तरह से अलग है। इसकी की खोज एल रॉन हबॉर्ड ने 1995 में खोज की थी। ऐसा कहा जाता है कि इस पंथ को मानने वाले लोग इस काफी सफल होते हैं। उसे कोई नौकरी या काम के लिए डर नहीं बना रहता है। इस सबसे चीजों से ऊपर उठ जाता है। सांइटोलॉजी पंथ का अनुसरण करने वाले लोग एक यंत्र के से जुड़े होते हैं इस यंत्र का नाम ई-मीटर है, जो आत्मा यानी रूह, दिमाग और इंसानी भावनाओं को माप कर लेता है। जिसके बाद इंसान के भावनाओं का आंकलन करता है। सांइटोलॉजी के उपासक शैतान को मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये शैतान की पूजा करते हैं।