Highlights
- अमेरिका ने कहा- पाक को 45 करोड़ डॉलर की मदद भारत को कोई संदेश देने के लिए नहीं
- आतंकवाद से लड़ने और एफ-16 के रखरखाव के लिए मदद देने की कही बात
- भारत की आपत्ति पर अमेरिका ने दी शर्मनाक सफाई
America Help Pak for Terror: वर्ल्ड ट्रे़ड सेंटर समेत कई अन्य आतंकी हमले झेलने के बाद भी अमेरिका आतंकवादियों बैकडोर सपोर्टर बना हुआ है। उनके अपने देश में आतंकी घटना हो तो गलत, बाकी किसी देश में हो तो सही। तभी तो चीन की तर्ज पर अमेरिका भी अन्य देशों में होने वाले आतंकवाद पर नरम हो जाता है। दुनिया के सामने आतंकवाद के मुद्दे पर साथ खड़े रहने का दावा करने वाले अमेरिका की कलई अब खुल गई है। आतंकियों के सौदागर पाकिस्तान को एफ-16 के रखरखाव के नाम पर 45 करोड़ डॉलर देने वाले अमेरिका ने अब भारत की आपत्तियों पर शर्मनाक सफाई दी है।
जो पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है और हर वक्त उनका मददगार बना रहता है, उसी पाकिस्तान को अमेरिका ने 45 करोड़ डॉलर देकर आतंकवाद से लड़ाई को मजबूत करने का बयान देकर अपनी ही जग हंसाई करवा ली है। दरअसल अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के वास्ते 45 करोड़ डॉलर की मदद देने संबंधी उसका फैसला भारत को कोई संदेश देने के लिए नहीं है, बल्कि यह इस्लामाबाद के साथ अमेरिका की रक्षा साझेदारी से जुड़ा है जो विशेष तौर पर आतंकवाद और परमाणु सुरक्षा पर केंद्रित है। बाइडन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के पाकिस्तान को सैन्य सहायता पर रोक लगाने संबंधी फैसले को बदलते हुए आठ सितंबर को पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के वास्ते 45 करोड़ डॉलर की मदद देने की मंजूरी दी थी। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने आतंकवादी सगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोक दी थी।
आतंक के सौदागर को आतंक से लड़ने के नाम पर मदद
भारत ने अमेरिका को पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए एक सहायता पैकेज प्रदान करने के वाशिंगटन के फैसले पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। अमेरिकी संसद को दी एक अधिसूचना में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने दलील दी थी कि इससे इस्लामाबाद को वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिलेगी। हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक मंत्री डॉ. एले रैटनर ने एक सवाल के जवाब में बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों के वास्ते 45 करोड़ डॉलर की मदद देने संबंधी उसका फैसला भारत को कोई संदेश देने के लिए नहीं है।
चीन और पाकिस्तान आतंकियों के मददगार
आतंक से लड़ने के लिए पाकिस्तान को मदद करने के नाम पर 45 करोड़ डॉलर देने की बात कहना किसी नाट्यमंचन से कम नहीं है। मगर इससे अमेरिका की आतंक के खिलाफ लड़ने वाले दावों की पोल खुल गई है। अब साफ हो गया है कि अमेरिका भी चीन की तरह ही आतंकवादियों का बैकडोर सपोर्टर है। अभी हाल ही में चीन ने भी आतंकी मसूद अजहर और उसके भाई रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। अब अमेरिका ने आतंक के सौदागर पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर देने के बाद इसे आतंक के खिलाफ लड़ाई में मदद करना बताया है।
रक्षामंत्री की आपत्ति पर दी सफाई
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिछले सप्ताह अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से बातचीत में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान बेड़े के रख-रखाव के लिए पैकेज देने के अमेरिका के फैसले पर भारत की ओर से चिंता प्रकट की थी। रैटनर ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘एफ-16 के वास्ते अमेरिकी सहायता पाकिस्तान के साथ अमेरिका की रक्षा साझेदारी से जुड़ा है जो विशेष तौर पर आतंकवाद और परमाणु सुरक्षा पर केंद्रित है, जैसा कि रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को स्पष्ट किया था।