Highlights
- जयशंकर बोले,भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित देश
- भारत शांति का पक्षधर, विवादों को बातचीत से हर करे दुनिया
- भारत जी-20 के साथ खाद्य और उर्जा संकट पर काम करेगा: Jaishankar
S. jaishankar in UNGA: विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम सीमा पर आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं। आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। युनाइटेड नेशन को चाहिए कि वो आतंकवाद को पालने और बढ़ावा देने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाए। जो लोग आतंकवाद को खत्म करने और उन पर बैन लगाने में में समस्या पैदा कर रहे हैं, ऐसे लोगों को भी देखने की आवश्यकता हैै।
भारत यूएन सुरक्षा परिषद में सुधार पर पक्षधर रहा है। भारत बड़े दायित्वों को लेने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद हम विकासशील देशों के सामने आने वाली समस्याओं को उठाएंगे। फूड और एनर्जी सिक्योरिटी और जलवायु परिवर्तन प्रमुख मुद्दे होंगे। भारत जी-20 के साथ खाद्य और उर्जा संकट पर काम करेगा। काउंटर टेररिज्म कमेटी का सदस्य होने के कारण भारत दो बैठकों को आयोजित करेगा। जयशंकर ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है और हमेशा इसका पैरोकार रहेगा। उन्होंने कहा कि सात दशकों तक सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतता रहा भारत ‘जीरो टॉलरेंस‘ की सोच की ताकत के साथ वकालत करता है।
भारत शांति का पक्षधर, विवादों को बातचीत से हर करे दुनिया
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से ही शांति का पक्षधर रहा है और रहेगा। हम यूएन चार्टर के पक्ष में हैं। हम संवाद और कूटनीति से इसे हल करने के पक्ष में हैं। यह हमारा सामूहिक प्रयास है कि हम यूएन और इसके बाहर भी इसे हल करने के पक्ष में कोशिश करें।
पिछले साल पीएम मोदी ने दिया था संबोधन
पिछले वर्ष यूएन में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभ को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की थी। इस बार विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भेजना पीएम नरेंद्र मोदी की वैश्विक रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।