वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने प्रशासन के आखिरी दौर में भी रूस को बड़ा झटका दिया है। अमेरिका ने रूस पर नए ऊर्जा प्रतिबंध लगा दिए हैं। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने रूस पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाए हैं, ताकि यूक्रेन को अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने और मॉस्को के खिलाफ लड़ने में मदद मिल सके। बता दें कि बाइडेन ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कमान सौंपने से दस दिन पहले शुक्रवार को उन सभी कंपनियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए जो ऊर्जा, खास तौर पर गैस के निर्यात में रूस की मदद करती हैं।
अमेरिका की इस कार्रवाई में दो कंपनियां भारत की हैं। प्रतिबंध से संबंधित सूची में कहा गया है कि दो भारतीय कंपनियों ‘स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज’ और ‘एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज’ पर पाबंदी लगाई गई है। बाइडेन ने एक सवाल के जवाब में कहा, “ये प्रतिबंध इसलिए लगाए गए हैं, क्योंकि इनका रूसी अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही पुतिन के लिए युद्ध लड़ना और भी मुश्किल हो जाएगा।” बाइडेन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “हो सकता है कि गैस की कीमतें 0.03 से 0.04 अमेरिकी डॉलर प्रति गैलन तक बढ़ जाएं, लेकिन इससे रूस की युद्ध लड़ने की क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।”
बाइडेन ने कहा-पुतिन की बढ़ चुकी हैं मुश्किलें
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मेरा मानना है कि पुतिन इस समय मुश्किल स्थिति में हैं। यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि उन्हें उन भयानक कार्यों को करने के लिए कोई मौका न मिले जो वह लगातार कर रहे हैं। उनके सामने आर्थिक समस्याए हैं, राजनीतिक समस्याएं हैं। बता दें कि बाइडेन के प्रशासन ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह रूस के अत्यंत महत्वपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र के खिलाफ प्रतिबंधों का विस्तार कर रहा है। यह यूक्रेन और रूस के मध्य लगभग तीन साल से जारी युद्ध के बीच मॉस्को के लिए परेशानी खड़ी करने का नया प्रयास है। यह घोषणा ऐसे समय आई जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संबंधित युद्ध को जल्द समाप्त करने का संकल्प लेते हुए फिर से राष्ट्रपति पद संभालने को तैयार हैं।